अनलॉक 3.0 की सहूलियतें कपड़ा और हीरा कारोबार दोनों के लिए ज्यादा राहतभरी भले न हों, लेकिन बाजार को गति दे सकती हैं। हीरा कारोबारियों के लिए काम के दो घंटे बढ़ रहे हैं तो हीरा उद्योगों में एक घंटी पर दो लोगों को बिठाने का निर्णय उनके नुकसान को कम करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। उधर, कपड़ा बाजार में भी ऑड-ईवन फार्मूले को वापस फाइलों में बंद कर बाजार को पूर्व की भांति खोलने की मंजूरी दी गई है। हालांकि दोनों ही उद्योगों में संक्रमण पर नियंत्रण के लिए बाकी पाबंदियां पहले जैसी ही रहने वाली हैं। जानकारों के मुताबिक हीरा उद्योग में पाबंदियां अब भी कुछ ज्यादा सख्त हैं, जबकि कपड़ा उद्योग में सरकार और प्रशासन ने ब्रेक से पैर हटा लिए हैं। इस बीच संक्रमण को पांव पसारने की जगह मिल गई तो फिर मुश्किलें और बड़ी हो सकती हैं।
खलेगी श्रमिकों की कमी
संक्रमण के कारण कामकाज ठप हुआ तो हीरा और कपड़ा कारोबार में लगे श्रमिकों ने भी पलायन कर लिया था। अब उद्योगों में श्रमिकों की कमी खल रही है। टैक्सटाइल उद्यमियों ने तो निजी स्तर पर प्रयास कर श्रमिकों को वापस बुलाना भी शुरू कर दिया है। इसके बावजूद पूरी क्षमता के साथ उद्योगों का खुलना फिलहाल तो संभव नहीं दिखता। हीरा उद्योग में तो कुशल कारीगरों का इंतजार करना ही होगा। इसके बावजूद पूरी क्षमता से मार्केट खुलने के बाद रोजाना 30 हजार पार्सल का काम भी निकलने लगा तो टैक्सटाइल उद्योग के लिए राहतभरी शुरुआत होगी। जानकारों के मुताबिक इसमें करीब 15 दिन का वक्त लग सकता है, लेकिन इस बीच कारखानों में काम का माहौल बनने लगेगा।