सूरत दुनिया के उन शहरों में शामिल है, जहां जहां जलवायु परिवर्तन के असर को समझने के लिए काम हो रहा है। रॉक फेलर फाउंडेशन के तहत सौ रेजिलियंट सिटी प्रोग्राम में सूरत ने प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए स्ट्रेटेजी भी तैयार की है। 100 आरसी के तहत आईयूसी पर रोटेरडम और सूरत के बीच पहले ही एमओयू हो चुका है, जिसमें रोटेरडम जलवायु परिर्वतन के असर से निपटने में सूरत की मदद करेगा। 100 आरसी की लोकल बॉडी ने जलवायु परिवर्तन का सामना करने और इससे जुड़ी चुनौतियों के साथ अनुकूलन स्थापित करने के लिए स्ट्रेटेजी भी तैयार की है।
इस रिश्ते को आगे बढ़ाते हुए रोटेरडम ने सूरत के साथ अन्य प्रोजेक्ट्स पर भी मिलकर काम करने का मन बनाया है। इसके लिए रोटेरडम मेयर ऑफिस से दो सदस्यीय टीम सोमवार को सूरत आई और मनपा अधिकारियों के साथ मुलाकात की। टीम सदस्यों ने बताया कि मार्च या अप्रेल माह में रोटेरडम से एक बड़ा डेलिगेशन सूरत आ रहा है। वह जल और जलवायु परिवर्तन से जुड़े मनपा के प्रोजेक्ट्स को तकनीकी सहयोग देगा।
इन प्रोजेक्ट्स पर होंगे साथ
इन प्रोजेक्ट्स पर होंगे साथ
जल और जलवायु परिवर्तन से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर मनपा प्रशासन इन दिनों काम कर रहा है। इनमें तापी शुद्धिकरण समेत मगदल्ला में प्रस्तावित बैराज, रिवर क्वालिटी मॉनिटरिंग और वेदर मॉनिटरिंग शामिल हैं। इनमें वेदर मॉनिटरिंग को लेकर सूरत में पहले से रॉकफेलर सोसायटी के साथ काम हो रहा है।
मनपा तलाशेगी वित्तीय संभावनाएं इन प्रोजेक्ट्स पर तकनीकी सहयोग तो रोटेरडम से मिल जाएगा, लेकिन वित्तीय संसाधन अभी तलाशने बाकी हैं। मनपा प्रशासन इन प्रोजेक्ट्स के लिए वित्तीय संभावनाएं तलाशने पर भी फोकस कर रहा है। इनमें तापी शुद्धिकरण प्रोजेक्ट के लिए मनपा को केंद्र और राज्य से भी वित्तीय सहयोग मिल रहा है।