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रोटरडेम की टीम ने जुटाए आंकड़े, अब करेगी अध्ययन

locationसूरतPublished: Mar 15, 2019 09:05:07 pm

मनपा अधिकारियों से कई जानकारियां मांगी, रिपोर्ट तैयार की जाएगी

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सहयोग की संभावनाएं तलाशेगी तकनीकी टीम

सूरत. नीदरलैंड के रोटरडेम शहर से आई तकनीकी टीम ने पांच दिवसीय सूरत दौरे के दौरान विभिन्न आंकड़े जुटाए हैं। टीम ने मनपा अधिकारियों से कई अन्य जानकारियां भी मांगी हैं। इनका विस्तृत अध्ययन करने के बाद टीम अपनी रिपोर्ट देगी।
बढ़ती आबादी के दबाव से उत्पन्न होने वाली समस्याओं से निपटने के लिए सूरत को नई तकनीक की जरूरत रहेगी। इसके लिए एक साल पहले तत्कालीन महापौर अस्मिता शिरोया, मनपा आयुक्त एमं थेन्नारसन और यूरोपियन यूनियन के भारत के प्रतिनिधि पियरो रेमीटी के बीच तकनीकी सहयोग का करार हुआ था। इसके तहत सूरत को रोटरडेम शहर से तकनीकी और लॉजिस्टिकल सहायता मिलेगी। सूरत और रोटरडेम शहर तकनीकी ज्ञान का एक्सचेंज करेंगे।
इसी करार के तहत रोटरडम की तकनीकी टीम पांच दिन से सूरत में थी। टीम सदस्यों ने मनपा संचालित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, टर्सरी ट्रीटमेंट प्लांट, तापी नदी पर बना कोजवे और मगदल्ला पर प्रस्तावित नए बैराज की साइट समेत कई अन्य जगहों का दौरा किया। टीम ने पानी की खेती (ग्राउंड वाटर रिचार्ज) की दिशा में अब तक किए गए कामों की जानकारी भी जुटाई। विभिन्न साइट्स के दौरे के साथ ही टीम सदस्यों ने मनपा अधिकारियों से प्रकल्पवार जरूरी जानकारियां भी ली हैं। अधिकारियों के मुताबिक कई जानकारियां अभी टीम को भेजी जानी हैं। इन जानकारियों का अध्ययन करने के बाद रोटरडम की टीम अपनी विस्तृत रिपोर्ट सूरत मनपा को भेजेगी।
अनुभव का मिलेगा लाभ

समुद्र किनारे बसे होने के कारण सूरत के तटवर्ती क्षेत्र की जमीन खारी हो गई है। साथ ही तापी नदी किनारे होने के कारण गंदगी से भी जूझना पड़ रहा है। यूरोप का सबसे बड़ा बंदरगाह रोटरडेम शहर भी रहाइन नदी के किनारे बसा है। नदी शहर के नजदीक ही नॉर्थ सी में मिलती है। सालों पहले रोटरडेम शहर उन्हीं हालात से गुजर रहा था, जिनसे इन दिनों सूरत गुजर रहा है। रोटरडेम प्रशासन ने इन मुश्किलों से निजात पाई। मुश्किलों को आसान बनाने में सूरत को रोटरडेम के अनुभव का लाभ मिलेगा।

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