मन को रखें नियंत्रित
उधना के महावीर भवन में पर्युषण पर्व के तीसरे दिन अंतगड सूत्र के आठवें अध्याय का वाचन करते हुए साध्वी सुलक्षणा ने शनिवार सुबह प्रवचन में गजसुकामल के जीवन के बारे में बताया। वहीं, साध्वी डॉ. सुलोचना ने प्रभु महावीर ने कठिन परिस्थिति में अपने मन को नियंत्रित रखने के बारे में विस्तार से बताया। साध्वी कंचनकुंवर ने पर्युषण पर्व का महत्व बताया। यह जानकारी संघ के सहमंत्री व प्रवक्ता एडवोकेट देवेंद्र बोकाडिया ने दी है।
पाप का प्रायश्चित जरूरी
पांडेसरा शीतलनाथ जैन संघ में पर्युषण महापर्व के तीसरे दिन साध्वी रक्षितरेखाश्री ने शनिवार सुबह प्रवचन में बताया कि इस भव में पाप करने के बाद जो गुरु के समक्ष प्रायश्चित नहीं करते उन्हें सीता, अंजना, रुकमणि के समान कष्ट भुगतने पड़ते है। इसलिए जरूरी है कि पाप का प्रायश्चित होना चाहिए और तीर्थंकरों ने भी इसे जीवन में महत्वपूर्ण माना है।
कल्पसूत्र का वाचन आज से
रांदेर रोड जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ उपाश्रय में प्रवर्तक ज्ञानरश्मि विजय महाराज के सान्निध्य में पर्युषण पर्व पर प्रवचन जारी है। शनिवार को प्रवचन में ग्यारह कर्तव्यों का वर्णन किया व कल्पसूत्र की बोली लगाई गई। रविवार से कल्पसूत्र का वाचन होगा।