प्रभावशाली लोगों का गौचरण पर कब्जा
गौचरण की जमीन पर सरकारी संशाधनों के अलावा प्रभावशाली लोग कब्जा जमाने में पीछे नहीं हैं। कईयों ने गौचरण की भूमि पर ईंट भट्टा, बाड़ बनाकर घेराबंदी आदि करके कब्जा कर रखा है। दादरा, रखोली, कराड़, दपाड़ा, सुरंगी, खानवेल, खेरड़ी ग्राम पंचायत क्षेत्र के गौचर में जो पशुओं के लिए चरागाह हैं, वहां गांव के ही प्रभावशाली लोगों ने झोपड़े, बाड़े आदि बना रखे हैं, जिसमें कईयों ने पक्के मकान बना लिए हैं। अतिक्रमण की वजह से पशुओं की चराई के लिए जमीन नहीं है।
पशुपालन से मोह भंग
किसानों का कहना है कि पशुपालन में पहले जैसा फायदा नहीं रहा, अब दूध देने वाले पशु भी लावारिस हो रहे हैें। किसान जो पशु पालते हैं, बारिश में उन्हें रखने के लिए छाया नहीं है। किसान पशुपालन के बजाए खेतों के फसलों का चारा बेचने में ज्यादा दिलचस्पी लेते हैं। पशुओं के सडक़ों पर आ जाने से कई वाहनों का शिकार हो रहे हैं। चालू माह में सडक़ पर 6 दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें दो गाय मर गई हैं।
गौ तस्कर सक्रिय:-लावारिस जानवर बढऩे से गौ तस्कर सक्रिय हो गए हैं। तस्कर ग्रामीण सडक़ों पर विचरण करने वाली गायों को शिकार बनाते हैं। नरोली, अथाल, पिपरिया, दादरा, लवाछा में गायों को बेहोशी का इंजेक्शन देकर आसानी से तस्करी की जाती है। कई बार गायों को बे्रड एवं खाद्य चीजों में बेहोशी की दवा मिलाकर खिलाई जाती है। गौशाला या पांजरापोल नहीं होने से गिरोह के लोग अपने मकसद में कामयाब हो जाते हैं।