यह प्रोजेक्ट दिवाली से शुरू होगा और दो साल चलेगा। संभवत: नोटिफाइड जीआईडीसी में सचिन जीआईडीसी अंडर ग्राउंड केबल वाली पहली जीआईडीसी होगी। सचिन जीआईडीसी में फिलहाल 66 के.वी सचिन ए,बी,सी सब स्टेशन के 31 फीडर हैं, जो 165 किलोमीटर में फैले हैं। इन्हें 92 रिंग मेन यूनिट से अंडर ग्राउंड केबल में परिवर्तित किया जाएगा। सचिन इंडस्ट्रियल को.ऑप.सोसायटी के सेक्रेटरी मयूर गोलवाला ने बताया कि बिजली के तार खुले में होने से बारिश या तूफान आने पर बिजली चली जाती है। इससे उत्पादन का नुकसान होता है। साथ ही कई पशु-पक्षी तार छूने से मर जाते है। आने वाले समय में यह समस्याएं नहीं होंगी। सोसायटी की ओर से राज्य सरकार से अंडरग्राउंड केबल नेटवर्क की मांग की गई थी। राज्य सरकार ने गुजरात न्यू इंडस्ट्रियल पॉलिसी-2015 के अंतर्गत इसे मंजूर कर लिया है। राज्य सरकार, बिजली कंपनी और सचिन नोटिफाइड ऑथोरिटी के संयुक्त प्रयास से 44.57 करोड़ रुपए के खर्च से बिजली का अंडरग्राउंड जाल बिछाया जाएगा।
इस प्रोजेक्ट का लाभ सचिन इंडस्ट्री के 3110 आईटी ग्राहकों और 175 एचटी ग्राहकों को मिलेगा। इन्हें लाइन लोस और बिजली जाने की समस्या से छुटकारा मिलेगा। पूरे प्रोजेक्ट की लागत लगभग 44.57 करोड़ रुपए की है। इसमें से 25 करोड़ रुपए असिस्टेंस टु इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम के अंतर्गत राज्य सरकार, 10.66 करोड़ रुपए सचिन नोटिफाइड एरिया ऑथोरिटी और 8.91 करोड़ रुपए दक्षिण गुजरात बिजली कंपनी देगी। यह प्रोजेक्ट दिवाली से शुरू होगा और दो साल चलेगा। संभवत: नोटिफाइड जीआईडीसी में सचिन जीआईडीसी अंडर ग्राउंड केबल वाली पहली जीआईडीसी होगी।