SAI PAD YATRA: सूरत से पहली बार नहीं रवाना हुई शिरडी पदयात्रा
कोरोना महामारी की वजह से सांई भक्त सूरत से शिरडी नहीं हुए पैदल रवाना, लाभपंचमी तक चलता था यात्रा का दौर और जाते थे हजारों श्रद्धालु

सूरत. कोरोना महामारी की वजह से प्रत्येक वर्ष की भांति दीपावली के बाद निकलने वाली सांईबाबा के शिरडी धाम पैदल यात्रा का दौर इस वर्ष शुरू ही नहीं हो पाया। भाईदूज के साथ सूरत से शुरू होने वाला शिरडी पैदल यात्रा का सिलसिला लाभपंचमी तक चलता था और इस दौरान सूरत शहर से हजारों श्रद्धालु शिरडी के लिए रवाना होते थे।
दीपावली पूजन और नूतन वर्ष के बाद भाईदूज की सुबह से शिरडी पदयात्रा का सिलसिला शहर में हर वर्ष की तरह इस वर्ष प्रारम्भ नहीं हो पाया। इसकी बड़ी वजह में कोरोना महामारी और महाराष्ट्र में मंदिरों के बंद होने की स्थिति मुख्य है। हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार से ही प्रदेश भर के छोटे-बड़े सभी मंदिर खोलने के आदेश अवश्य दिए है, लेकिन दीपावली के बाद शिरडी पैदल यात्रा के मामले में तो इसमें देरी हो गई है। सूरत के सांईभक्त अजय गुप्ता बताते हैं कि अकेले सूरत शहर से दीपावली के बाद करीब 8-10 हजार सांईभक्त पैदल-पैदल सूरत से शिरडी जाते हैं और बाबा के दर्शन कर मुराद मांगते हैं, लेकिन इस बार कोरोना महामारी की वजह से वे पैदल यात्रा पर नहीं जा सके हैं।
यूं रहती है सूरत से शिरडी पैदल यात्रा
सूरत से शिरडी करीब साढ़े तीन सौ किमी लम्बी दूरी को पदयात्री 10-12 दिन में तय करते हैं और इस दौरान वे प्रतिदिन 30-35 किमी की यात्रा के बाद बारडोली, महुवा, वघई आदि अलग-अलग स्थलों पर विश्राम करते हुए आगे बढ़ते हैं। यात्रा के दौरान ज्यादातर मंडल के सदस्य सजी-धजी पालकी में सांईबाबा की प्रतिमा साथ लेकर रवाना होते हैं।
अब पाइए अपने शहर ( Surat News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज