डॉ. राजुल देसाई तीन दिवसीय दौरे पर सूरत आई हैं। उन्होंने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा का अधिकार मिले इसके लिए महिला आयोग कार्यरत है। महिलाओं को जब लगे कि उनकी बात कोई नहीं सुन रहा है तब राष्ट्रीय महिला आयोग से सम्पर्क करना चाहिए। कोई भी शोषित, पीडि़त या हिंसा का शिकार हुई महिलाएं डॉक्टर, कानूनी सलाह समेत अन्य कोई सहायता के लिए न्यू सिविल अस्पताल के सखी वन स्टॉप सेंटर पर सम्पर्क कर सकते हैं। उन्होंने दोपहर में शहर पुलिस आयुक्त अजय तोमर तथा जिला कलेक्टर डॉ. धवल पटेल और निवासी अधिक कलेक्टर संजय वसावा समेत अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद शाम को वह न्यू सिविल अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में निर्भया फंड से महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण किया।
भवन निर्माण के लिए 50 लाख का फंड डॉ. राजुल ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि केन्द्र सरकार की ओर से सखी वन स्टॉप सेंटर का खर्च वहन किया जाता है। निर्भया फंड के जरिए देश के शहरों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए सेंटर कार्यरत हैं। हाल में ट्रॉमा सेंटर से कार्य हो रहा है। लेकिन सखी वन स्टॉप का नया भवन कैंसर अस्पताल के पास निर्माण शुरू हो रहा है। इसके लिए जगह, टेंडर और राशि सभी आवंटित की जा चुकी है। एक्शन प्लान तैयार कर एक वर्ष में सेंटर को डेवलप करने का कार्य कर रहे हैं। भवन निर्माण के लिए 50 लाख रुपए का फंड है।