वलसाड निवासी सलीम शेख ने बताया कि सोमवार सुबह न्यूज चैनलों पर पाक की ओर से की गई फायरिंग में चार जवनों के शहीद होने की खबर और उनके परिजनों की हालत देखकर उसका दिल पसीज गया। आर्मी के जवान देश की रक्षा के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर देते हैं। जब अमरनाथ यात्रा के दौरान उसकी बस पर आतंकियों ने हमला किया था, तब भी सेना के जवानों ने उनकी मदद की थी। ऐसे में हमारा फर्ज बनता है कि हम उनके परिजनों की मदद के लिए आगे आएं। चैनल पर खबर देखने के बाद सलीम ने सूरत निवासी मित्र धर्मेश गामी से संपर्क किया और उसके जरिए शहीद जवानों के परिजनों की सहायता के लिए 11 हजार रुपए का चैक सूरत कलक्टर कार्यालय में जमा कराया।
घोषणा के बावजूद अब तक नहीं हुआ समान
गौरतलब है पिछले साल अमरनाथ यात्रा के दौरान गुजरात के यात्रियों की बस पर आतंकियों ने हमला कर दिया था। बस सलीम शेख चला रहा था। उसने जान की बाजी लगाकर बस सुरक्षित जगह ले जाकर कई यात्रियों का जान बचाई थी। उसकी इस बहादुरी की चर्चा समूचे देश में हुई थी। गुजरात सरकार ने उसका नाम वीरता पुरस्कार के लिए भेजने की घोषणा की थी। 26 जनवरी के अवसर पर राष्ट्रपति की ओर से घोषित विभिन्न पुरस्कारों की सूची में उत्तम जीवन रक्षा पुरस्कार के लिए सलीम का नाम घोषित किया गया था, लेकिन अभी तक सरकार या प्रशासन की ओर से उसका समान करना तो दूर, आधिकारिक तौर पर इसकी जानकारी तक उसे नहीं दी गई है।