149 प्रस्तावों को सैद्धांतिक मंजूरी
संघ प्रदेश दानह में व्यापार शुरू करने के लिए 149 प्रस्तावों को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दी गई। इसमें 16 बड़ी यूनिट, 2 मध्यम यूनिट, 71 छोटी यूनिट और 60 माइक्रो एन्टरप्राइज शामिल हैं। यह यूनिट 1000 करोड़ के निवेश से स्थापित किए जाएंगे, जिससे करीब 5200 व्यक्तियों के लिए रोजगार उत्पन्न होंगे। निवेश प्रस्तावों में 79 प्लास्टिक सेक्टर की इकाई, 16 इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक एवं इंजीनियरिंग इकाई, 13 यूनिट टेक्सटाइल सेक्टर में, पेपर और मेटल सेक्टर में 9 यूनिट, गैर-प्रदूषित केमिकल सेक्टर में 5 और अन्य सेक्टर में 18 यूनिट शामिल हंै। साथ ही 8.27 करोड़ रुपए के विभिन्न श्रेणियों में 16 औद्योगिक इकाइयों के सब्सिडी क्लेम मुक्ति को मंजूरी दी गई।
संघ प्रदेश दानह में व्यापार शुरू करने के लिए 149 प्रस्तावों को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दी गई। इसमें 16 बड़ी यूनिट, 2 मध्यम यूनिट, 71 छोटी यूनिट और 60 माइक्रो एन्टरप्राइज शामिल हैं। यह यूनिट 1000 करोड़ के निवेश से स्थापित किए जाएंगे, जिससे करीब 5200 व्यक्तियों के लिए रोजगार उत्पन्न होंगे। निवेश प्रस्तावों में 79 प्लास्टिक सेक्टर की इकाई, 16 इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक एवं इंजीनियरिंग इकाई, 13 यूनिट टेक्सटाइल सेक्टर में, पेपर और मेटल सेक्टर में 9 यूनिट, गैर-प्रदूषित केमिकल सेक्टर में 5 और अन्य सेक्टर में 18 यूनिट शामिल हंै। साथ ही 8.27 करोड़ रुपए के विभिन्न श्रेणियों में 16 औद्योगिक इकाइयों के सब्सिडी क्लेम मुक्ति को मंजूरी दी गई।
बच्चों को बताए जा रहे बाल अधिकार
सिलवासा. राज्य बाल सुरक्षा सोसायटी स्कूलों में कार्यक्रम करके बच्चों को बाल अधिकारों की ओर जागरूक कर रही है। सोसायटी के सदस्य स्कूलों में जाकर बच्चों को लैंगिक अपराध, शोषण, चाइल्ड लाइन, घरेलू हिंसा, अश्लील उत्पीडऩ आदि से संबंधित बाल कानूनों की जानकारी से अवगत कराते हैं। खेरड़ी माध्यमिक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में सोसायटी के संरक्षक पीएस बरडे ने बच्चों को बताया कि बच्चों में लैंगिक उत्पीडऩ से राहत के लिए बाल लैंगिक सरंक्षण अधिनियम 2012 अमल में लाया गया है। यह कानून 18 वर्ष तक आयु वाले बच्चों को लैंगिक अपराध से सुरक्षा प्रदान करता है। इसमें उत्पीडि़त बच्चे की पहचान गुप्त रखी जाती है। लैंगिक हमला, उत्पीडऩ व अश्लील साहित्य के मामले में अपराधी को 3 वर्ष से लेकर आजीवन सजा व आर्थिक दंड का प्रावधान है। कार्यक्रम में खेरड़ी सरपंच चन्दू बारिया, अन्य ग्राम प्रतिनिधि एव स्कूल के अध्यापक भी मौजूद थे। कार्यक्रम में अन्य बाल अधिकारों के बारे में भी बच्चों को जानकारी दी गई। बीमार या अकेला होने पर फ्री चाइल्ड लाइन1018 नंबर पर डायल करके सुरक्षा मांगी जा सकती है।
सिलवासा. राज्य बाल सुरक्षा सोसायटी स्कूलों में कार्यक्रम करके बच्चों को बाल अधिकारों की ओर जागरूक कर रही है। सोसायटी के सदस्य स्कूलों में जाकर बच्चों को लैंगिक अपराध, शोषण, चाइल्ड लाइन, घरेलू हिंसा, अश्लील उत्पीडऩ आदि से संबंधित बाल कानूनों की जानकारी से अवगत कराते हैं। खेरड़ी माध्यमिक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में सोसायटी के संरक्षक पीएस बरडे ने बच्चों को बताया कि बच्चों में लैंगिक उत्पीडऩ से राहत के लिए बाल लैंगिक सरंक्षण अधिनियम 2012 अमल में लाया गया है। यह कानून 18 वर्ष तक आयु वाले बच्चों को लैंगिक अपराध से सुरक्षा प्रदान करता है। इसमें उत्पीडि़त बच्चे की पहचान गुप्त रखी जाती है। लैंगिक हमला, उत्पीडऩ व अश्लील साहित्य के मामले में अपराधी को 3 वर्ष से लेकर आजीवन सजा व आर्थिक दंड का प्रावधान है। कार्यक्रम में खेरड़ी सरपंच चन्दू बारिया, अन्य ग्राम प्रतिनिधि एव स्कूल के अध्यापक भी मौजूद थे। कार्यक्रम में अन्य बाल अधिकारों के बारे में भी बच्चों को जानकारी दी गई। बीमार या अकेला होने पर फ्री चाइल्ड लाइन1018 नंबर पर डायल करके सुरक्षा मांगी जा सकती है।