इसलिए बन रहा हॉटस्पॉट
कपड़ा कारोबार की पहली जरूरत अनुकूल ट्रांसपोर्टेशन है। रिंगरोड के भीड़भाड़ वाले इलाके में वाहनों की आवाजाही समय तो खराब करती ही है, कई दूसरी दिक्कतों को भी जन्म देती है। यहां पार्किंग दूसरी बड़ी समस्या है, खासकर बड़े वाहनों की। ट्रांसपोर्ट गोदाम धीरे-धीरे सारोली की ओर शिफ्ट हो रहा है। भीड़ का दबाव कम होने के कारण रास्ते भी खुले मिलते हैं और नए बन रहे मार्केट्स में कमर्शियल वाहनों की पार्किंग के लिए भी पर्याप्त जगह मिल रही है। दूसरी बात कारोबारी को मिल रही जगह की है। जिस कीमत में रिंगरोड पर जगह मिल रही है, सारोली में उसी कीमत पर तीन गुना से ज्यादा जगह उनके लिए उपलब्ध है। बड़ा एरिया मिलने के कारण कोविड १९ की गाइडलाइंस का इम्पीलेकशन रिंगरोड के मुकाबले यहां ज्यादा सहज है।बीते दो-तीन वर्ष से हो रही थी कोशिश
बढ़ती ट्रैफिक समस्या और कारोबार के लिए कम पड़ रही जगह के कारण कारोबारी बीते दो-तीन वर्ष से टैक्सटाइल मार्केट को रिंगरोड से दूसरी जगह शिफ्ट करने के विकल्प पर माथापच्ची कर रहे थे। इस बीच सारोली में नए प्रोजेक्ट्स आने के बाद कुछ व्यापारियों ने धीरे-धीरे रिंगरोड से अपने कारोबार को समेटना शुरू कर दिया और सारोली में शिफ्ट होने लगे। यह प्रस्ताव उन्हें इसलिए भी लुभावना लगा कि कम कीमत पर ज्यादा जगह उन्हें मिल रही थी, जो भविष्य में कारोबारी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त थी। कोरोना के बाद कोविड १९ की गाइडलाइन का पालन करना फिलहाल रिंगरोड कपड़ा मार्केट में इतना आसान नहीं लग रहा है। इसीलिए एक बार फिर कारोबारियों के बीच रिंगरोड के आकर्षण से बाहर निकलने की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं।खास बात
दो दर्जन मार्केट में करीब 20 हजार दुकानेंअधिकांश दुकानें 3000 वर्ग फीट
दुकान में ही ऑफिस, गोदाम, टॉयलेट
निर्माणाधीन करीब दो दर्जन मार्केट्स में 25 से 30 हजार दुकानों की तैयारी जिसमें कोविड-19 के नियमों का पालन आसानी से संभव
रिंगरोड के खर्च में यहां तीन से चार गुना ज्यादा स्पेस
सभी ट्रांसपोर्टर सरोली के आसपास इससे माल ढुलाई में आसानी
सरोली के अधिकांश मार्केट में पार्किंग, फायर समेत अन्य नियम कायदों का इम्प्लीमेंटेशन ज्यादा आसान