चार-पांच ज्वैलर्स व कुछ अधिकारी मोदी सरकार की आर्थिक सुधारों से जुड़ी आइसीडीएस स्कीम को विफल करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि 2016-17 का ऐसेस्मेंट अभी फाइनल हो रहे हैं। इसके बाद और घोटाले सामने आएंगे। इस घोटाले में एनसीपी के नेता का पुत्र, कई अधिकारी व सीए भी शामिल हैं।
उनके नाम और दस्तावेज भी मेरे पास है। एक-एक कर सबका खुलासा होगा। ट्वीट में सूरत के घोड़दौड़ रोड के कलामंदिर ज्वैलर्स ने भी 110 करोड़ डिपोजिट कर 33 फीसदी टैक्स जमा करने के बदले मात्र 80 लाख रुपए टैक्स जमा करने की याचिका दायर की थी। जबकि पैनेल्टी के साथ 167 करोड़ रुपए का टैक्स बनता है। दो हजार करोड़ से भी अधिक की मनी लॉन्डरिंग हुई है।
कोई इंक्वायरी शेष नहीं, 35 करोड़ टैक्स दिया : शाह
वहीं, इस संबंध में कला मंदिर के मिलन शाह ने स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि कलामंदिर पर कोई इक्वायरी शेष नहीं है। पांच साल में हमने 35 करोड़ का टैक्स जमा किया है। तीन घंटों में 110 करोड़ के सोने की बिक्री का बात बेबुनियाद है। आधी- अधूरी जानकारी देकर झूठे आरोप लगाए जा रहे है। सरकारी विभाग के गुप्त दस्तावेज कहां से आए यह भी एक बड़ा सवाल है।