CORONA NEWS : कोरोना के चलते इस शहर के स्कूल हमेशा के लिए हो सकते हैं बंद.!
सूरतPublished: Apr 16, 2021 07:15:53 pm
– स्वनिर्भर शाला संचालक महामंडल ने सरकार से राहत पैकेज मांगा- स्कूल खर्च, लोन, विद्यार्थियों की फीस और कर्मचारियों के वेतन को लेकर योजना बनाने की उठी मांग
CORONA NEWS : कोरोना के चलते इस शहर के स्कूल हमेशा के लिए हो सकते हैं बंद.!
सूरत. अब स्वनिर्भर शाला संचालक महामंडल ने गुजरात सरकार से राहत पैकेज की मांग की है। स्वनिर्भर शाला संचालक मंहामंडल ने कोरोना की विकट परिस्थिति में स्कूल खर्च, लोन, विद्यार्थियों की फीस और कर्मचारियों के वेतन को लेकर सरकार से योजना बनाकर लाभ देने के लिए पत्र लिखा है। स्वनिर्भर विद्यालयों को लाभ नहीं मिलने पर कई सारे विद्यालय बंद हो जाने की मंडल ने सरकार को चेतावनी दी है।
कोरोना संक्रमण के कारण शिक्षा क्षेत्र की हालत ख़स्ता हो गई है। पिछले दो साल से पूरी पढ़ाई ऑनलाइन ही चल रही है। कोरोना के कारण कई अभिभावकों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। कई बेरोजगार हो गए। इस कारण स्कूल की फीस भर पाना मुश्किल हो गया है। कई अभिभावकों ने तो बच्चों को पढ़ाना ही बंद कर दिया है। शहर के स्वनिर्भर शाला संचालक महामंडल का कहना है कि दो साल से ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है। आधे से ज्यादा अभिभावकों ने फीस नहीं भरी है। कई स्कूल संचालकों ने लोन भी ले रखी है। लोन का कर्ज, शिक्षकों का वेतन, कर्मचारियों का वेतन, ऑनलाइन पढ़ाने का खर्च सब स्कूल संचालकों पर भारी पडऩे लगा है। ऐसे में सरकार को स्वनिर्भर स्कूलों के लिए राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। राहत पैकेज नहीं मिला तो कई स्कूल बंद हो सकते है, इस वजह से कई शिक्षक और कर्मचारी बेरोजगार हो सकते हैं। स्वनिर्भर शाला संचालक मंडल ने इस संदर्भ में सरकार को राहत पैकेज देने के लिए पत्र लिखा है।
– विद्यार्थियों की फीस भर पंजीकरण करवाने की मांग :
स्वनिर्भर शाला संचालक मंडल ने मांग की है कि विद्यार्थियों को मास प्रमोशन दिया गया है तो अगली कक्षा में प्रवेश के लिए फीस भरकर ही पंजीकरण करवाने का नियम बनाना चाहिए। आरटीई प्रवेश वाले विद्यार्थियों की फीस एडवांस में स्कूलों को सरकार प्रदान करे। हाल स्कूल वाहन बंद पड़े हैं, इसलिए आरटीओ के टैक्स में राहत देनी चाहिए। शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों को समय पर वेतन मिल सके इसलिए तीन माह का पैकेज दिया जाए। स्कूलों को मनपा टैक्स में भी राहत मिलनी चाहिए। साथ ही लोन के मामले में भी सरकार से राहत प्रदान करने की मांग की गई है।