आम लोगों के लिए एक नवंबर को जब अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रं ट से सरदार सरोवर बांध केवडिय़ा तक सी-प्लेन सेवा शुरू की गई। उसके एक महीने के भीतर ही यह बंद कर दी गई थी। तब कहा गया था कि सी-प्लेन को मेंटेनेंस के लिए मालदीव भेजा गया है। उसके बाद 10 अप्रेल तक ट़ुकडे-टुकड़े में कुछ दिन सी-प्लेन चलाया भी तो मेंटेनेंस के नाम पर सेवा तीन बार सेवा बंद भी की गई थी। जबकि करीब 800 पर्यटक इसका लाभ ले चुके थे। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या केवल विकास को प्रचारित करने और पीएम के शो को भव्य बनाने के लिए आनन-फानन में यह सेवा शुरू की गई थी?
50 साल पुराना प्लेन भी एक कारण! शुरुआत से ही मेंटेनेंस के नाम पर बार-बार यह सेवा बंद की गई थी। अब कोरोना काल में शुरू हुई सर्विस को बंद करने का कारण भी कोरोना ही बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि तीसरी लहर की आशंका के निवारण के बाद फिर शुरू करेंगे। जबकि देश की पहली सी-प्लेन सेवा का विमान 50 साल पुराना केनेडा मॉडल का है और मेंटनेंस व बेस स्टेशन की तैयारियों के बिना ही एक डेमो की तरह प्लेन उड़ाकर प्रचारित किया गया। तब भी ऑपरेटर कंपनी स्पाइसजेट के अधिकारी कुछ बताने को तैयार नहीं थे। तब यह भी कहा गया था कि क्रू-मेंबर को आराम देना जरूरी था।
ऐजेंसी नया लाकर उड़ाएगी? सूत्रों के मुताबिक, कोविड से ट्रेैफिक लोड कम हो रहा था। चूंकि भारत में पहला ऑपरेशन था और चुनौैतियां बहुत है। छोटे जहाजों में ईंधन, इंजन, क्रू व प्रति सीट खर्च जोडक़र उसका परिचालन महंगा पड़ता है। ऐसे में ऑपरेटर कंपनी स्पाइसजेट फिर यह सेेवा शुरू करने में कितनी रुचि रखती है, यह स्पष्ट नहीं है। वहीं, एयरलाइन कंपनी का दावा था कि प्लेन की हालत अच्छी है, नियमित रखरखाव हुआ है।। सूत्रों के मुताबिक, ऐसे नए मॉडल कम बनते हैं और नए की बात चल रही है।
सूरत सहित इन रूट्स पर चलाने की थी योजना सी-प्लेन को करीब 16 मार्गों पर उड़ाने का परीक्षण हो चुका है। इसमें गुवाहाटी, अंडमान निकोबार और यमुना से उत्तराखंड में टप्पर बांध सहित अन्य जलमार्ग से उड़ाने की योजना है। ताजी जानकारी के मुताबिक, सूरत की तापी नदी से भी स्टेच्यू ऑफ यूनिटी तक सी-प्लेन उड़ाने की योजना है।
जनवरी तक फिर उड़ेगा! प्रोजेक्ट शुरू हुआ है तो आगे बढ़ेगा ही। सर्विस बंद नहीं की गई। कोविड के चलते बंद किया गया था। तीसरी लहर पर भी नज़र थी। अब मेंटनेंस का बेस यहां भी बन चुका है। उम्मीद है कि जनवरी तक यह सेवा शुरू हो सकती है।
– अजय चौहान, निदेशक नागरिक उड्डयन विभाग, गुजरात एवं सीईओ गुजसेल।
सी-प्लेन के बारे में
बैठने की क्षमता : 14 से 19 लोग
वहन क्षमता : 5670 किलो
विमान का वजन : 3377 किलो
ईंधन क्षमता : 1419 लीटर
लंबाई : 16 मीटर
ऊंचाई : 06 मीटर