पश्चिम रेलवे ने चार जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों को मेमू में परिवर्तित किया है। सूरत-विरार पैसेंजर के यात्री पुरानी पैसेंजर ट्रेन की मांग के साथ दो दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। दोनों दिन ट्रेन निर्धारित समय से देरी से चली। यात्रियों के विरोध की खबर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक ए.के.गुप्ता तक पहुंचने पर उन्होंने डीआरएम को इसकी जांच कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया। गुरुवार शाम ट्रेन चलने से पहले मुंबई से सीनियर डीओएम सुहानी मिश्रा और वलसाड के एआरएम विनीत अभिषेक सूरत स्टेशन पहुंचे।
उन्होंने सूरत स्टेशन के एआरओ सी.आर.गरूड़ा और रेलवे यात्री सेवा समिति के सदस्य राकेश शाह के साथ मिलकर सूरत-विरार मेमू ट्रेन के यात्रियों से प्लेटफॉर्म पर विरोध का कारण जानने का प्रयास किया। महिला यात्रियों से भी विरोध का कारण और समस्या पूछी गई। इसके बाद डीओएम सूरत से वलसाड तक जाने के लिए ट्रेन में सवार हो गईं। यात्रा के दौरान उन्होंने यात्रियों से बारी-बारी से समस्या और विरोध का कारण पूछा। यात्रियों की ओर से बताए गए कारणों और समस्याओं को लेकर डीओएम रिपोर्ट तैयार करेंगी, जो पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक को सौंपी जाएगी।
महिलाओं के लिए विशेष ट्रेन की मांग
डीओएम सुहानी मिश्रा को सूरत-विरार मेमू ट्रेन की महिला यात्रियों ने बताया कि मेमू के महिला कोच और फस्र्ट क्लास कोच में टॉयलेट नहीं हैं। उन्होंने टॉयलेट की व्यवस्था की मांग की। फिलहाल मेमू ट्रेन में 20 डिब्बे हैं। इन्हें बढ़ाकर चौबीस या पच्चीस करने की मांग की गई। सूरत और उधना स्टेशन से 1000 से 1200 महिलाएं सूरत-विरार ट्रेन में सफर करती हैं। ऐसे में महिलाओं के लिए अलग से विशेष ट्रेन चलाने की भी मांग की गई।
15 मिनट देर से चली ट्रेन
दो दिन से यात्रियों के विरोध के कारण सूरत-विरार मेमू ट्रेन निर्धारित समय से देरी से चल रही थी। गुरुवार को भी यह 15 मिनट देरी से चली। हालांकि इसकी वजह डीओएम सुहानी मिश्रा समेत कई अधिकारियों की यात्रियों से मुलाकात रही।