– कोरोना की दूसरी लहर में पहली बार हृदय और फेफड़े का दान…
– हृदय मुम्बई तो फेफड़े जलगांव की महिला में हुए ट्रांसप्लांट
– अहमदाबाद और भावनगर की दो महिला और एक व्यक्ति को मिले दो किडनी और लीवर
बारडोली की ब्रेनडेड महिला के अंगदान से सात को मिला नवजीवन
सूरत. बारडोली की महिला को सूरत के निजी अस्पताल में ब्रेनडेड घोषित किए जाने के बाद परिवार ने अंगदान का निर्णय किया। जिससे 7 जनों को नया जीवन मिला है। ब्रेनडेड महिला का हृदय मुम्बई, फेफड़े हैदराबाद और दो किडनी व लीवर अहमदाबाद, भावनगर निवासी तीन व्यक्तियों में ट्रांसप्लांट किया गया है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर में हृदय और फेफड़े दान की पहली घटना है।
बारडोली टिम्बरवा टेकरा फलिया निवासी कामिनी भरत पटेल (46) की 17 मई सुबह तबीयत खराब होने के बाद बारडोली के सरदार स्मारक अस्पताल में भर्ती करवाया गया। सीटी स्कैन रिपोर्ट में ब्रेन हैमरेज की पुष्टि हुई। चिकित्सकों ने उन्हें सूरत के शैल्बी अस्पताल में रेफर कर दिया। न्यूरोफिजिशियन डॉ. दिव्यांग शाह और न्यूरोसर्जन डॉ. मिलन सेजलिया ने ऑपरेशन किया, लेकिन तबीयत में सुधार नहीं हुआ और 5 जून को चिकित्सकों ने उसे ब्रेनडेड घोषित कर दिया।
सूचना मिलने पर डोनेट लाइफ के प्रमुख निलेश मांडलेवाला अस्पताल पहुंचे और परिवार को अंगदान के बारे में समझाया। सहमति मिलने पर उन्होंने स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनइजेशन के कन्विनर डॉ. प्रांजल मोदी को किडनी, लीवर, हृदय और फेफड़े दान की जानकारी दी। कामिनी का हृदय मुम्बई की सर एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल को दिया गया। वहीं, फेफड़े हैदराबाद की कीम्स अस्पताल को दिया गया। एक किडनी अहमदाबाद की स्टर्लिंग अस्पताल और दूसरी किडनी अहमदाबाद इंस्टिच्यूट ऑफ किडनी डिजिज एंड रिसर्च सेंटर (आइकेडीआरसी) को दिया गया। जबकि चक्षुओं का दान लोकदृष्टि चक्षुबैंक के डॉ. प्रफुल शिरोया ने स्वीकार किया।
ब्रेनडेड कामिनी का हृदय मुम्बई निवासी 46 वर्षीय महिला, फेफड़े महाराष्ट्र जलगांव निवासी 31 वर्षीय महिला में ट्रांसप्लांट किया गया है। एक किडनी अहमदाबाद निवासी 30 वर्षीय महिला और दूसरी किडनी व लीवर भावनगर निवासी 58 वर्षीय व्यक्ति और 27 वर्षीय महिला में ट्रांसप्लांट किया गया है। मांडलेवाला ने बताया कि कोरोना में जलगांव निवासी महिला के दोनों फेफड़े खराब हो थे। उन्हें एकमो मशीन पर ट्रिटमेंट चल रहा था।
ग्रीन कॉरिडोर बनाकर 3 शहरों में भेजे अंग सूरत से हृदय, फेफड़े और किडनी को मुम्बई, हैदराबाद और अहमदाबाद भेजने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए थे। सूरत के शेल्बी अस्पताल से हृदय लेने के बाद हवाई मार्ग से मुम्बई 300 किमी की दूरी चिकित्सकों की टीम ने 100 मिनट में पूरी की है। जबकि हैदराबाद की टीम ने फेफड़े स्वीकार करने के बाद सूरत से हैदराबाद की दूरी 160 मिनट में पूरी की। इसके अलावा दोनों किडनी व लीवर लेकर चिकित्सकों ने सूरत से अहमदाबाद 264 किमी की दूरी सडक़ मार्ग से 190 मिनट में पूरी की है।
सूरत से 32वां हृदय और फेफड़े दान का 7वां मामला गुजरात से हृदय दान की 41वीं और सूरत से 32वीं घटना है। डोनेट लाइफ द्वारा 21 हृदय मुम्बई, 5 हृदय अहमदाबाद, 4 हृदय चेन्नई और एक-एक इंदौर, नई दिल्ली में ट्रांसप्लांट किए गए। सूरत से फेफड़े दान का 7वां मामला है। इसमें 8 फेफड़े चेन्नई, 4 फेफड़े मुम्बई और 2 फेफड़े बैंगलोर में ट्रांसप्लांट किए गए। अब तक डोनेट लाइफ द्वारा 384 किडनी, 158 लीवर, 8 पेन्क्रीयाज, 32 हृदय, 14 फेफड़े, 288 चक्षुओं समेत कुल 882 अंगदान से 819 व्यक्ति को नया जीवन मिला है।