सरकार की ओर से 27 जून 2017 को वड़ोदरा एक्सप्रेस वे के लिए अधिसूचना जारी कर भरुच व आमोद तहसील के देरोल, दयादरा, पीपलिया, कुरचण, तेलोद व सुथोदरा सहित सात गांव के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। उस दौरान किसानों ने आपत्ति दर्ज कराकर सरकार की ओर से घोषित किए गए मुआवजे की राशि को स्वीकारने की बात मानी थी मगर इसके बाद किसानों ने बाजार के हिसाब से मुआवजा देने की मांग के साथ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी थी।
26 नवंबर 2018 को आए हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने मुआवजा रद्द कर दिया था। इस आदेश के चार माह बीतने के बाद भी सरकार की ओर से मुआवजे की बात आगे नहीं बढ़ाई गई है, इससे किसानों में रोष व्याप्त है। किसानों के मुताबिक बाजार के हिसाब से मुआवजा नही मिला तो लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा। सात गांव के साढ़े तीन सौ परिवार के चुनाव बहिष्कार की जानकारी जिला कलक्टर को भी दी जा चुकी है।