scriptडूमस गैंग रेप का वांछित सात साल बाद पटना से धरा गया | Seven years after Dooms gang rape, Patna was beaten | Patrika News

डूमस गैंग रेप का वांछित सात साल बाद पटना से धरा गया

locationसूरतPublished: Aug 22, 2018 09:58:00 pm

बहुचर्चित डूमस गैंग रेप के मामले में वांछित एक आरोपी को पुलिस ने बिहार के पटना से गिरफ्तार कर लिया है। वह सात साल से फरार चल रहा…

Seven years after Dooms gang rape, Patna was beaten

Seven years after Dooms gang rape, Patna was beaten

सूरत।बहुचर्चित डूमस गैंग रेप के मामले में वांछित एक आरोपी को पुलिस ने बिहार के पटना से गिरफ्तार कर लिया है। वह सात साल से फरार चल रहा था। पुलिस ने उसे सूरत लाकर उसके फरार साथियों के बारे में पूछताछ शुरू कर दी है।

मामले की जांच कर रही पुलिस उपायुक्त विधि चौधरी ने बताया कि बिहार के पटना जिले के बैठना गांव का मूल निवासी कन्हैया कुमार भूमिहार २८ अक्टूबर, २०११ को डूमस में हुए बहुचर्चित गैंग रेप और लूट की घटना में शामिल था। कन्हैया और उसके तीन साथियों जीतेन्द्र सिंह उर्फ राजू, कमलनयन भूमिहार और राजकुमार मुथल ने एक युवती के साथ गैंग रेप किया था। युवती अपने मंगेतर के साथ डूमस में झाडिय़ों के बीच एक बैंच पर बैठी थी। चारों वहां पहुंचे।


उन्होंने मारपीट कर युवक से सोने की चेन, मोबाइल, घड़ी और पर्स समेत १८ हजार ८०० रुपए का सामान लूट लिया। मारपीट से युवक बेसुध हो गया। उसके बाद उन्होंने युवती के साथ सामूहिक बलात्कार किया और फरार हो गए। ग्रामीणों को पता चलने पर यह मामला सामने आया। युवक-युवती को अस्पताल पहुंचाया गया। युवती पहले कार्रवाई के लिए तैयार नहीं हुई, लेकिन पुलिस और सामाजिक संगठनों के समझाने पर उसका परिवार तैयार हुआ। पुलिस ने सरकार की ओर से मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की। मामले की जांच तत्कालीन एसीपी (इ डिवीजन) विधि चौधरी को सौंपी गई।

इस मामले में पुलिस को एक ऑटो रिक्शे से अहम सूचना मिली। इसके आधार पर उसने २ नवम्बर, २०११ को जीतेन्द्रसिंह और कमलनयन को धर दबोचा, लेकिन राजकुमार और कन्हैया कुमार फरार हो गए। जीतेन्द्रसिंह और कमलनयन ने पूछताछ में गुनाह कबूल कर लिया।


कोर्ट ने करीब दो साल चली सुनवाई के बाद ८ जुलाई, २०१३ को उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुना कर लाजपोर जेल भेज दिया था। पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद कन्हैया और राजकुमार का पता नहीं चल पाया था। एक साल बाद २०१४ में हाइकोर्ट से दस दिन के पेरोल पर रिहा होने के बाद जीतेन्द्र भी फरार हो गया था। पुलिस ने बताया कि जीतेन्द्र कन्हैया कुमार का बहनोई है। २०११ में जब जीतेन्द्र और कमलनयन को गिरफ्तार किया गया था, उस दौरान जीतेन्द्र की पत्नी ने फोन कर कन्हैया कुमार को इस बारे में बता दिया था। वह फरार हो गया था और राजकुमार को भी सतर्क कर दिया था।

आइआइटी में कर रहा था काम

पुलिस ने बताया कि फरार होने के बाद कन्हैया कभी अपने गांव नहीं गया। वह जगह बदल-बदल कर काम कर रहा था। कुछ समय उसने दानापुर में कंस्ट्रक्शन साइट पर काम किया। उसके बाद पटना आइआइटी में बतौर ऑफिस ब्वॉय काम कर रहा था। वहीं से उसे गिरफ्तार किया गया।

एक महीने बिहार में डटी रही पुलिस


विधि चौधरी की फिर से पुलिस उपायुक्त के रूप में सूरत में पोस्टिंग होने पर उन्होंने तीनों की खोज शुरू की। उन्होंने मई में एक टीम बिहार भेजी। पुलिस टीम ने उनके मूल निवास पर जानकारी जुटाई, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला। पुलिस उप निरीक्षक जे.बी. राजपूत के नेतृत्व में गई टीम एक महीने वहां डटी रही। कुछ तकनीकी सुराग हासिल कर टीम लौट आई। उसके बाद टेक्नीकल सर्वेलंस की मदद से खोज शुरू की गई। आखिरकार पुलिस को पटना में कन्हैयाकुमार का लोकेशन मिला और शुक्रवार को उसे धर दबोचा। रविवार को पुलिस उसे सूरत ले आई। जीतेन्द्र और राजकुमार की खोज जारी है।

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