बताया गया है कि अंकलाछ के मुख्य प्राथमिक स्कूल में आसपास के विस्तारों से आदिवासी बच्चे पढऩे आते हैं। एक से आठवीं कक्षा तक चलने वाले स्कूल में 450 विद्यार्थी पढ़ते हैं। कुछ दिनों से स्कूल के बच्चों से ही शौचालय की सफाई करवाने का आरोप लग रहा है। विद्यार्थियों से शौचालय सफाई का वीडियो बनाकर किसी ने वायरल कर दिया। इसके बाद शिक्षा विभाग और उमरगाम तहसील पंचायत में हडक़ंप मचा हुआ है। बच्चों से शौचालय की सफाई कराने की जानकारी आम होते ही अधिकारी हरकत में आए और स्कूल पहुंचकर घटना की जानकारी ली।
स्कूल के एक कर्मचारी ने माना कि स्कूल में सफाई के लिए अलग से ग्रान्ट मिलती है, उसके बाद भी बच्चों से ही सफाई करवाई जाती है। स्कूल के प्रिंसिपल नरेन्द्र टंडेल ने बताया कि बच्चों से शौचालय की सफाई नहीं करवाई गई है। शिक्षा अभियान के तहत स्कूल मैदान व अन्य जगहों की सफाई करवाई गई। वहीं आसपास के लोगों ने बच्चों से सफाई करवाने को गंभीरता से लेकर शिक्षा विभाग से इस मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। कई लोगों ने बताया कि गरीब वर्ग के बच्चे स्कूल में मुफ्त शिक्षा और खाना मिलने के कारण आते हैं। उनसे सफाई करवाई जा रही है।