शिकायतकर्ता गंगाराम अस्नानी ने इफको टोक्यो जनरल इंश्योरेंस कंपनी से 7.50 लाख रुपए की मेडिक्लेम पॉलिसी खरीदी थी। पॉलिसी की लागू अवधि के दौरान गंगाराम को मुंह का कैंसर होने पर कीमोथेरेपी कराई गई थी। वर्ष 2016-17 में आठ बार और 2017-18 में तीन बार की गई कीमोथेरेपी के लिए 10.59 लाख रुपए खर्च हुए थे। गंगाराम ने अलग अलग ग्यारह क्लेम बीमा कंपनी के समक्ष किए थे, लेकिन डायाबिटीज और हाइपर टेंशन की बीमारी पहले से ही होने का कारण बताकर बीमा क्लेम चुकाने से इनकार कर दिया था। गंगाराम ने अधिवक्ता श्रेयस देसाई के जरिए बीमा कंपनी के खिलाफ ग्राहक कोर्ट में शिकायत की थी। सुनवाई पूरी होती उससे पहले शिकायतकर्ता का निधिन होने पर परिजनों को पक्षकार के तौर पर जोड़ा गया था। सुनवाई के दौरान बीमा कंपनी हाइपर टेंशन और डायाबिटीज तथा कैंसर की बीमारी के बीच सीधा संबंध साबित करने में विफल रही। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता देसाई की दलीलों को ध्यान में रखते हुए मामले को ग्राहक सेवा में क्षति का मामला माना और क्लेम की राशि याचिका दायर करने की तारीख से सालाना 7 फीसदी ब्याज के साथ चुकाने का बीमा कंपनी को आदेश दिया।
ग्राहक कोर्ट ने ब्याज समेत मुआवजा चुकाने का आदेश दिया