जापानी एचएसआर (शिंकानसेन) में प्रयुक्त गिट्टी-रहित स्लैब ट्रैक सिस्टम का उपयोग भारत की पहली एचएसआर परियोजना पर किया जाएगा। जापान रेलवे ट्रैक कंसल्टेंट कंपनी लिमिटेड (जेआरटीसी) ने समझौते के तहत प्रमुख एचएसआर ट्रैक घटकों जैसे आरसी ट्रैक बेड, ट्रैक स्लैब व्यवस्था और निरंतर वेल्डेड रेल बलों आदि की विस्तृत डिजाइन और ड्राइंग प्रदान की है। यह समझौता मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देगा, क्योंकि एक भारतीय कंपनी मेसर्स इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड को ठेका दिया गया है। समझौते पर हस्ताक्षर समारोह में एनएचएसआरसीएल के प्रबंध निदेशक सतीश अग्निहोत्री के साथ अन्य निदेशकों शिंगो मियामोटो, मंत्री (आर्थिक एवं विकास), भारत में जापान का दूतावास, जेआईसीए (भारत कार्यालय) के मुख्य प्रतिनिधि साइतो मित्सुनोरी ने भाग लिया। इरकॉन के प्रबंध निदेशक, योगेश कुमार मिश्र ने अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भाग लिया। इस अवसर पर एनएचएसआरसीएल के प्रबंध निदेशक सतीश अग्निहोत्री ने कहा कि हमें जेआईसीए से प्रभावी तरीके से सहायता मिली है।
भारत में जापान के दूतावास के आर्थिक और विकास मंत्री, शिंगो मियामोटो सैन ने मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना को भारत और जापान के बीच सहयोग का सबसे बड़ा उदाहरण बताया। उन्होंने आगे कहा, इस समझौते के तहत भारतीय ठेकेदारों को जापानी शिंकानसेन प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण प्राप्त होगा, जो मेक इन इंडिया को बढ़ावा देगा। जेआईसीए इंडिया कार्यालय के मुख्य प्रतिनिधि साइतो मित्सुनोरी सैन ने कहा कि ट्रैक वर्क्स शिंकानसेन प्रौद्योगिकी में रेलवे सुरक्षा और आरामदायक सवारी का महत्वपूर्ण हिस्सा है। ट्रैक वर्क कॉन्ट्रैक्ट भारतीय कंपनियों के लिए जापानी एजेंसियों के साथ काम करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा, जिनके पास शिंकानसेन प्रौद्योगिकी में विशेषज्ञता है। एनएचएसआरसीएल के निदेशक परियोजना राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि शिंकानसेन प्रौद्योगिकी की सुरक्षा का असाधारण रिकॉर्ड है और ट्रैक ट्रेन चलाने की सुरक्षा में बहुत महत्वपूर्ण है। यह तकनीक के हस्तांतरण का उदाहरण है, क्योंकि जापानी विशेषज्ञ भारतीय ठेकेदारों के पर्यवेक्षकों और कामगारों को प्रशिक्षण देने के लिए भारत आएंगे।