खनकी में दूषित पानी छोडऩे से मरी मछलियां
वापी. भिलाड़ के मांडा गांव के पास खनकी में दूषित पानी छोड़े जाने से चार दिन पहले मरी मछलियों को लेकर ग्राम सभा में लोगों ने आक्रोश प्रकट किया। इसके बाद सरपंच ने जीपीसीबी अधिकारी को सूचना दी और विभाग ने यहां पहुंचकर पानी का सैम्पल लेकर जांच के लिए लैब भेजा।
जानकारी के अनुसार मांडा की ग्राम सभा में विकास के कामों सहित कई समस्याओं पर चर्चा हो रही थी। इस दौरान कई लोगों ने गांव के पास खनकी में कंपनियों द्वारा दूषित पानी छोडऩे से बड़ी संख्या में मछलियों के मरने का मुद्दा उठाया। लोगों ने पंचायत द्वारा इस मामले को गंभीरता से लेने की मांग की। इसके बाद सरपंच प्रभु ठाकरिया ने जीपीसीबी अधिकारी को इसकी सूचना दी। कुछ देर बाद जीपीसीबी की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन वहां मृत मछलियां नहीं मिली। हालांकि दुर्गन्धयुक्त पानी का नमूना लेकर लौट गई। लैब रिपोर्ट के बाद ही आगे किसी कार्रवाई की जानकारी जीपीसीबी ने की। गांव के लोगों ने कहा कि चार दिन पहले बड़ी संख्या में मछलियां दूषित पानी के कारण मरी थी। बाद में नहर का पानी छोड़े जाने पर मछलियां पानी में बह गई। बार-बार इस तरह की घटना होने से लोगों ने दूषित पानी छोडऩे वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मंाग की।
वापी. भिलाड़ के मांडा गांव के पास खनकी में दूषित पानी छोड़े जाने से चार दिन पहले मरी मछलियों को लेकर ग्राम सभा में लोगों ने आक्रोश प्रकट किया। इसके बाद सरपंच ने जीपीसीबी अधिकारी को सूचना दी और विभाग ने यहां पहुंचकर पानी का सैम्पल लेकर जांच के लिए लैब भेजा।
जानकारी के अनुसार मांडा की ग्राम सभा में विकास के कामों सहित कई समस्याओं पर चर्चा हो रही थी। इस दौरान कई लोगों ने गांव के पास खनकी में कंपनियों द्वारा दूषित पानी छोडऩे से बड़ी संख्या में मछलियों के मरने का मुद्दा उठाया। लोगों ने पंचायत द्वारा इस मामले को गंभीरता से लेने की मांग की। इसके बाद सरपंच प्रभु ठाकरिया ने जीपीसीबी अधिकारी को इसकी सूचना दी। कुछ देर बाद जीपीसीबी की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन वहां मृत मछलियां नहीं मिली। हालांकि दुर्गन्धयुक्त पानी का नमूना लेकर लौट गई। लैब रिपोर्ट के बाद ही आगे किसी कार्रवाई की जानकारी जीपीसीबी ने की। गांव के लोगों ने कहा कि चार दिन पहले बड़ी संख्या में मछलियां दूषित पानी के कारण मरी थी। बाद में नहर का पानी छोड़े जाने पर मछलियां पानी में बह गई। बार-बार इस तरह की घटना होने से लोगों ने दूषित पानी छोडऩे वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मंाग की।