पांडेसरा कैलाश नगर निवासी प्रताप नारायण इन्द्र बहादुर मिश्रा संचा कारखाने में नौकरी करता है। उसका चचेरे भाई राहुल विजय बहादुर मिश्रा (25) उत्तरप्रदेश के अयोध्या जिले में मिलकीपुर गांव में रहता है। उसके गांव के मिलकीपुर स्वास्थ्य केन्द्र में पत्नी संतोष कुमारी ने 26 सितम्बर को एक नवजात बच्ची को जन्म दिया था। उस बच्ची के सिर में एक बड़ी गांठ थी। इस गांठ को देखकर परिजन घबरा गए और किसी बड़े अस्पताल में इलाज करवाने के लिए घर चले आए। इसके बाद वह अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में गए लेकिन, कोई इलाज नहीं मिला। किसी ने उसे बच्ची को लखनऊ ले जाने की सलाह दी। लखनऊ के चिकित्सकों ने उसकी बच्ची को झांसी ले जाने के लिए कहा।
इसके बाद राहुल ने प्रताप से अपनी बच्ची के सिर में गांठ की तकलीफ बताई। प्रताप ने उसे सूरत बुला लिया। राहुल बच्ची को लेकर न्यू सिविल अस्पताल आया। चिकित्सकों ने प्राथमिक जांच के बाद उसे भर्ती कर ऑपरेशन करने का निर्णय किया। न्यूरोसर्जन डॉ. जिगर शाह ने मंगलवार को नवजात बच्ची के सिर का सफल ऑपरेशन किया। ऑपरेशन में डॉ. जिगर के साथ सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. मुकेश पंचोली (यूनिट-1) के रेजिडेंट डॉक्टर साथ में थे। यह सर्जरी करीब चार घंटे चली। चिकित्सकों ने काफी मशक्कत के बाद बच्ची के सिर से गांठ को बाहर निकाल दिया है। हाल में बच्ची को एनआइसीयू वार्ड में भर्ती किया गया है।
डॉ. जिगर ने बताया कि बच्ची की हालत अभी अच्छी है। उसके हृदय की धडक़न से लेकर सभी मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। बच्ची में आगामी कुछ दिनों में रिकवरी देखने को मिलेगी। उन्होंने बताया कि इस तरह के ऑपरेशन में मरीज की जान को बहुत खतरा रहता है, लेकिन न्यू सिविल अस्पताल में चिकित्सकों की टीम ने इस जटिल ऑपरेशन को करने में सफलता हासिल की है। गुजरात के सरकारी अस्पतालों में इस तरह का यह पहला ऑपरेशन है।
निजी अस्पतालों के चिकित्सक इस गंभीर सर्जरी को मरीज की जान का खतरा अधिक होने के लिए टाल देते है। वहीं निजी अस्पताल में इस तरह के सर्जरी का खर्च करीब चार से पांच लाख रुपए आता है। बच्ची के पिता राहुल ने बताया कि न्यू सिविल अस्पताल के चिकित्सक उसके लिए भगवान से कम नहीं है। वह बच्ची के इलाज के लिए काफी भटका था। इसके बाद वह सूरत आया और यहां के चिकित्सकों ने बिना कोई पैसा लिए बच्ची का ऑपरेशन कर दिया।
विटामिन की कमी से होती हैं गांठ डॉ. जिगर ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को फोलिक एसिड, आयरन, कैल्सियम, विटामिन की दवाई शुरू करना जरूरी होती है। लेकिन, जिन महिलाओं ने गर्भावस्था के दौरान दवाई शुरू नहीं की होती है उनके बच्चे में ऐसी गांठ की तकलीफ देखने को मिलती है। यह गांठ सिर से लेकर पीठ तक किसी भी हिस्से में हो सकती है। एक लाख गर्भवती महिलाओं में किसी एक में ऐसे बच्चे का जन्म देखने को मिलता है। ऑक्सि पीटल मैनिंगो मायलो सेल के ऑपरेशन में मृत्युदर 99 फीसदी है। एक प्रतिशत जिंदगी वाले जटिल ऑपरेशन को सूरत के न्यू सिविल अस्पताल में पूरा कर गौरव हासिल किया है।