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SMC : 17 हजार विद्यार्थियों को नहीं आता पढऩा, लिखना, गिनती करना

locationसूरतPublished: Aug 27, 2018 08:31:56 pm

– गुणोत्सव के नतीजों से चिंतित सरकार ने शुरू किया मिशन विद्या

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SMC : 17 हजार विद्यार्थियों को नहीं आता पढऩा, लिखना, गिनती करना

सूरत.

नगर प्राथमिक शिक्षा समिति के 17 हजार से अधिक विद्यार्थियों को पढऩा, लिखना और गिनती करना नहीं आता है। ऐसे विद्यार्थियों को पढऩे और लिखने लायक बनाने के लिए सरकार ने मिशन विद्या अभियान शुरू किया है। समिति ने अभियान पर नजर रखने के लिए सभी सीआरसी अधिकारियों को स्कूलों का निरीक्षण करने का आदेश दिया है।
राज्य सरकार की ओर से राज्यभर में गुणोत्सव का आयोजन किया गया था। विद्यार्थी को लिखना, पढऩा और गिनती करना आता है या नहीं, इसमें इसका निरीक्षण किया जाता है। इसके लिए चार विषयों गणित, अंग्रेजी, विज्ञान और एसएस की 15-15 अंकों की परीक्षा ली गई। गुणोत्सव में सूरत की नगर प्राथमिक शिक्षा समिति के स्कूलों को भी शामिल किया गया था। इसमें चौकाने वाले तथ्य सामने आए। समिति स्कूलों के कक्षा 6 से 8 के 17 हजार से अधिक विद्यार्थी ऐसे हैं, जिन्हें गिनती के साथ-साथ पढऩा और लिखना भी नहीं आता। राज्यभर में ऐसे विद्यार्थियों की संख्या हजारों में है। इन विद्यार्थियों के लिए सरकार ने मिशन विद्या शुरू किया है। इसमें स्कूल समय पूरा होने के बाद विद्यार्थियों को एक घंटे अतिरिक्त पढ़ाया जाएगा। यह अभियान 31 अगस्त तक चलेगा। इसके बाद विद्यार्थियों का मूल्यांकन किया जाएगा कि वह लिखना, पढऩा और गिनती करना सीख पाए हैं या नहीं।

कक्षाओं पर निगरानी का आदेश
नगर प्राथमिक शिक्षा समिति के शासनाधिकारी ने समिति के सभी सीआरसी को स्कूलों का निरीक्षण करने का आदेश दिया है। सीआरसी को अपने विस्तार के स्कूलों में प्रतिदिन अतिरिक्त कक्षाओं पर निगरानी रखने को कहा गया है। विद्यार्थी स्कूल आते हैं या नहीं, इस पर भी ध्यान दिया जाएगा।

विद्यार्थियों को गणवेश नहीं मिली
नगर प्राथमिक शिक्षा समिति का शैक्षणिक सत्र शुरू हुए महीने से अधिक हो चुका है, लेकिन अभी तक विद्यार्थियों को गणवेश नहीं मिली है। वह पुरानी गणवेश से काम चला रहे हैं। समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि टेंडरिंग प्रक्रिया में देरी के कारण विद्यार्थियों को गणवेश नहीं मिल पाई है। कई तकनीकी खामियों के कारण बार-बार टेंडर प्रक्रिया में सुधार करना पड़ा। गणवेश का ऑर्डर दे दिया गया है। एक लाख 60 हजार से अधिक विद्यार्थियों के गणवेश तैयार करने में करीब 90 दिन लगेंगे। इसके बाद ही विद्यार्थियों को गणवेश मिलने के आसार हैं। इसका मतलब यह हुआ कि आधा शैक्षणिक सत्र समाप्त होने तक विद्यार्थी बिना गणवेश रहेंगे। समिति स्कूलों में पहले भी गणवेश दी जाती थी, लेकिन कई बार टेंडर में देरी के कारण शैक्षणिक सत्र समाप्त होने तक भी विद्यार्थियों को गणवेश नहीं मिल पाती थी। इसलिए गणवेश देना बंद कर दिया गया था। इसके एवज में छात्रवृत्ति देना शुरू किया गया, लेकिन यह राशि भी विद्यार्थियों को समय पर नहीं मिल पाती थी। राशि प्राचार्य के एकाउंट में पड़ी रह जाती थी। कई प्राचार्यों पर विद्यार्थियों के लिए दी गई राशि के दुरुपयोग का आरोप लगा। दोषी पाए गए ऐसे प्राचार्यों को राशि भरने का आदेश दिया गया और उनके अन्य स्कूलों में तबादले की कार्रवाई भी हुई। समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि इस साल गणवेश में देर हो सकती है, लेकिन आने वाले शैक्षणिक सत्र में गणवेश समय पर मिल जाएगी।

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