प्रभावितों की सहमति की समय सीमा खत्म होने के बाद मनपा प्रशासन ने सोमवार को ही कलक्टर को पत्र लिखकर राज्य सरकार से अनिवार्य संपादन की अनुमति मांगने के लिए कह दिया था। इसी बीच मनपा ने बातचीत से रास्ता निकलने के विकल्प को भी खुला रखा है। अधिकारियों का मानना है कि प्रभावित परिवार यदि समझाइश से जमीन देने के लिए राजी नहीं होते हैं तो राज्य सरकार की अनुमति मिलते ही जमीन के कब्जे की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। इसी बीच यदि आगामी दिनों में उन्होंने मनपा के सुझाए विकल्प के मुताबिक जमीन देने पर सहमति जताई तो मनपा प्रशासन इस पर आगे बढ़ सकता है।
गौरतलब है कि पाल-उमरा ब्रिज का निर्माण कार्य उमरागांव की ओर की 2७ संपत्तियों को लेकर अटका हुआ है। इनमें से 6 संपत्तिधारक के मनपा के फार्मूले से सहमत नहीं होने के कारण जमीन का अधिग्रहण अटक गया था।
अब रोबोटिक मशीन से होगी स्वीमिंग पूल की सफाई मनपा प्रशासन ने रोबोटिक मशीन से स्वीमिंग पूल की सफाई का मन बनाया है। इसके लिए पहली बार दो रोबोटिक मशीन खरीदी जा रही हैं। मनपा प्रशासन ने रोबोटिक मशीन के लिए प्रस्ताव मंगाए थे। दो मशीनें खरीदी जाएंगी जो 50 गुणा 25 और 50 गुणा 13 साइज के स्वीमिंग पूल्स की सफाई करेंगी। मनपा प्रशासन के मुताबिक इन मशीनों से स्वीमिंग पूल्स को बेहतर तरीके से साफ करने में मदद मिलेगी। इनकी खरीद पर कुल 6.85 लाख रुपए खर्च होंगे। टेंडर स्क्रूटनी कमेटी (टीएससी) की बुधवार को होने वाली बैठक में इस प्रस्ताव पर निर्णय किया जाएगा।
इसके अलावा मनपा प्रशासन बरसों पुराने स्ट्रीट लाइट सिस्टम की मरम्मत कराने जा रहा है। मनपा ने इसे हैल्दीनेस इम्प्रूवमेंट नाम दिया है। इसके तहत अर्थिंग के साथ ही एमसीबी, जेबी और केबल की जांच व जरूरी बदलाव किए जाएंगे। इनमेंं बड़ा काम अर्थिंग का रहेगा जिससे स्ट्रीटलाइट सिस्टम सुरक्षित रहे। अलग-अलग जगहों पर होने वाले इस काम के लिए मनपा ने दो प्रस्ताव मंगाए थे। 1.60 करोड़ रुपए के खर्च से करीब 11 हजार स्ट्रीटलाइट सिस्टम में हैल्दीनेस इम्प्रूवमेंट किया जाएगा। साथ ही पूणा क्षेत्र में मनपा प्रशासन शॉपिंग सेंटर का निर्माण कराने जा रहा है। इसमें २६ दुकानें बनाई जाएंगी जो स्लम डिमोलिशन के दौरान प्रभावित हुए लाभार्थियों को आवंटित की जाएंगी। इनके साथ ही एजेंडे के अन्य प्रस्तावों पर भी टीएससी की बैठक में निर्णय किया जाएगा।