सूरत

SMC : सामान्य सभा में विपक्षी सदस्यों का हंगामा, आरोप मड़े

फटे कपड़े पहनकर सदस्यों ने किया विरोध प्रदर्शन…
शासनाधिकारी को भाजपा का खेस पहनाया तो मामला और भी गर्मा गया

सूरतDec 15, 2018 / 08:12 pm

Divyesh Kumar Sondarva

SMC : सामान्य सभा में विपक्षी सदस्यों का हंगामा, आरोप मड़े

सूरत.
गोपीपुरा स्थित नगर प्राथमिक शिक्षा समिति कार्यालय में शुक्रवार को हुई सामान्य सभा में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा मचाया। इस दौरान शासनाधिकारी को भाजपा का खेस पहनाने से मामला और बढ़ गया। कांग्रेस के सदस्य फटे कपड़े पहनकर सभा में विरोध करने पहुंचे।
नगर प्राथमिक शिक्षा समिति के कार्यालय में शुक्रवार को सामान्य सभा की बैठक हुई। समिति प्रमुख हसमुख पटेल की अध्यक्षता में बैठक की शुरुआत हुई। इसमें शासनाधिकारी विमल देसाई भी उपस्थित रहे। कांग्रेस कार्यकर्ता और समिति सदस्य नटु पटेल, सफी जरीवाला और सुरेश सुहागिया विभिन्न मामलों को लेकर फटे कपड़े पहन सभा में विरोध करने पहुंचे। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सभा शुरू होते ही समिति प्रमुख, शासनाधिकारी और भाजपा के अन्य समिति सदस्यों पर आरोप लगाना शुरू कर दिया।
गणवेश, आइकार्ड, छात्रवृति, शिक्षकों के वेतन समेत कई मामलों में घोटाला करने का आरोप लगाया। समिति के विद्यार्थी गणवेश से वंचित हंै, इसलिए कांग्रेस सदस्य फटे कपड़ों में विरोध करने पहुंचे। मामला धीरे-धीरे तूल पकडऩे लगा। इस बीच सुरेश सुहागिया ने शासनाधिकारी विमल देसाई को भाजपा का खेस पहना दिया। इससे मामला और भी गरम हो गया। इसके बाद सुहागिया को सभा से निलंबित कर दिया गया। कांग्रेस के कार्यकर्ता विभिन्न मांगों को लेकर पोस्टर पहनकर विरोध करते दिखे।
एक समान परीक्षा
राज्य प्राथमिक शिक्षा विभाग ने पहली बार राज्य की सभी सरकारी प्राथमिक स्कूलों में एक समय पर एक समान परीक्षा लेने का फैसला किया है। परीक्षा 24 अक्टूबर से शुरू हो रही है। सूरत महानगर पालिका संचालित नगर प्राथमिक शिक्षा समिति स्कूलों में भी प्राथमिक शिक्षा विभाग के आदेशानुसार परीक्षा होगी। प्राथमिक विभाग के आदेश के बाद नगर प्राथमिक शिक्षा समिति ने परीक्षा के समय में बदलाव किया है। इसे गुजरात बोर्ड परीक्षा की तरह रखने का प्रयास किया जा रहा है। जिस तरह बोर्ड के विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं अन्य शिक्षक जांचते हैं, वैसे ही प्राथमिक के विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच भी अन्य शिक्षकों से करवाने का निर्णय किया गया था। इस निर्णय का शिक्षकों ने विरोध किया। इसलिए प्राथमिक शिक्षा विभाग ने उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के नियम में बदलाव कर दिया है। अब स्कूल के शिक्षक ही उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करेंगे। कुल उत्तर पुस्तिकाओं में से 25 प्रतिशत की जांच अन्य शिक्षकों से करवाई जाएगी। जिन 25 प्रतिशत उत्तर पुस्तिकाओं का अलग से मूल्यांकन होगा, उनकी अलग के मार्कशीट तैयार होगी। इसके आधार पर परिणाम तैयार किया जाएगा। प्राथमिक शिक्षा विभाग ने पहले बोर्ड की तरह परीक्षा खंड में अन्य स्कूल के निरीक्षकों को नियुक्त करने का फैसला किया था, लेकिन इसका भी विरोध हुआ। इसलिए स्कूल के शिक्षकों को ही निरीक्षक नियुक्त करने का फैसला किया गया है।
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