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कड़े सुरक्षा पहरे में मनपा ने लिया विवादित संपत्तियों का कब्जा

locationसूरतPublished: Dec 01, 2020 06:47:22 pm

लाइनडोरी पर अमल, पाल-उमरा ब्रिज के रास्ते में आ रही संपत्तियों पर चला बुलडोजर, लोगों के विरोध के बावजूद एक ही दिन में लिया पूरी जमीन का कब्जा

कड़े सुरक्षा पहरे में मनपा ने लिया विवादित संपत्तियों का कब्जा

कड़े सुरक्षा पहरे में मनपा ने लिया विवादित संपत्तियों का कब्जा

सूरत. पाल-उमरा ब्रिज की जमीन संंबंधी अड़चन सोमवार को दूर हो गई। स्थाई समिति की अंतिम चेतावनी की मियाद पूरी होने के बाद मनपा टीम पूरे लाव-लश्कर के साथ मौके पर पहुंची और पुलिस सुरक्षा के बीच रास्ते में आ रहे निर्माण को ढहाना शुरू कर दिया। इस मामले पर कोर्ट पहले ही मनपा के पक्ष में फैसला दे चुका है।
पाल-उमरा ब्रिज का मामला लंबे अरसे से अटका हुआ है। उमरा की ओर रास्ते में आ रही 20 संपत्तियों के कारण बात नहीं बन रही थी। संपत्ति मालिकों ने जमीन के बदले मनपा प्रशासन के तमाम प्रस्तावों को दरकिनार कर पुल की ही डिजाइन में बदलाव की जिद पकड़ी थी। यह मामला कोर्ट तक पहुंच गया और फैसला मनपा के पक्ष में आया। इस बीच मनपा ने बातचीत के रास्ते भी खुले रखे और आठ लोगों ने मनपा के प्रस्ताव से सहमत होते हुए जमीन छोड़ दी। शर्तों के मुताबिक उन्हें दूसरी जगह जमीन देने के साथ ही अन्य कई सहूलियतें भी मनपा ने दी हैं।
12 लोग जमीन छोडऩे को तैयार नहीं थे। कोर्ट के फैसले के बाद मनपा प्रशासन ने बीती 5 नवंबर को अंतिम नोटिस जारी करते हुए सात दिन के भीतर जगह खाली करने को कहा था। नोटिस की मियाद पूरी होने के बाद सोमवार को मनपा का ब्रिज सेल, शहरी विकास विभाग और टाउन प्लानिंग विभाग समेत अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी लाव-लश्कर के साथ मौके पर पहुंच गए। सुबह आठ बजे से मनपा टीम ने रास्ते में आ रही संपत्तियों का कब्जा लेना शुरू किया।
लोगों ने किया विरोध

मनपा की कार्रवाई का वहां रह रहे लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। महिलाओं ने आगे बढक़र मनपा के काम में दखल देने का प्रयास किया। संपत्ति मालिकों ने घर के बुजुर्गों को भी सामने लाने की कोशिश की जो सफल नहीं हो पाईं। मौके पर मौजूद भारी पुलिस बल ने संपत्ति मालिकों की कोशिशों को नाकाम कर दिया। इस बीच मनपा की कार्रवाई के विरोध में संपत्ति मालिकों और उनके परिजनों ने पीडि़त के रूप में सामने आने के प्रयास भी किए।
पांच माह में पूरा होगा काम

वर्ष 2015 में मनपा प्रशासन ने करीब 89 करोड़ रुपए की लागत से पाल-उमरा ब्रिज का प्रोजेक्ट तैयार किया था। रास्ते में आ रही संपत्तियों के संपादन को छोडक़र बाकी काम मनपा ने शुरू करा दिया था। यह ब्रिज दो साल के भीतर बनकर तैयार होना था। ब्रिज का लगभग 90 फीसदी काम तो पूरा हो गया, लेकिन उमरा से पाल की ओर जाते समय एप्रोच पर नदी किनारे रास्ते में आ रही जमीनों के कारण काम अटका पड़ा है। ब्रिज सेल को विवादित जगह मिलने का इंतजार था। मनपा टीम के जमीन का कब्जा लेने के बाद पाल-उमरा ब्रिज पर अधूरा पड़ा काम शुरू हो जाएगा। ब्रिज सेल के अधिकारियों के मुताबिक पांच माह के भीतर बचा हुआ काम पूरा कर लिया जाएगा।
बड़ी आबादी को मिलेगा लाभ

यह ब्रिज बनने का सीधा असर सरदार और केबल ब्रिज पर पड़ेगा। पाल, पालनपुर, भाठा, अडाजण और रांदेर की बड़ी आबादी सरदार ब्रिज के बजाए तापी पर बने इस नए ब्रिज का उपयोग करेगी। डूमस, गौरव पथ और सिटीलााइट होते हुए उधना-मगदल्ला रोड आदि की ओर जोने के लिए यह ब्रिज बहुत उपयोगी साबित होगा।
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