-काफी तलाश की पर नहीं मिले
दिव्यांग मदन पांडेय को सूरत लेने आए उनके भाई पवन पांडेय ने बताया कि वे अपने भाई से आखिरी बार पटना में तब मिले थे जब वे 5 हजार रुपए लेकर आए थे। उसके बाद मदन के मामले में कई तरह की बातें उन तक पहुंचती रही और वे उनकी तलाश भी करते रहे। माता-पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने तलाश बंद कर दी थी और इतने लंबे समय बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट वीडियो से उन्हें अपने भाई की सुध मिली। 25 साल बाद मिले अपने भाई को वे मंगलवार को दानापुर एक्सप्रेस से दरभंगा लेकर जाएंगे।
-यूं आया था सम्पर्क में
सामाजिक कार्यकर्ता जिगर रावल ने पिछले दिनों ही तीन जनों को अपने परिजनों तक सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर भिजवाया था। इनमें झारखंड के हरिशंकर राजपूत व उत्तरप्रदेश में बांदा के श्यामसुंदर बिहारी नामक व्यक्ति शामिल थे। दीनदयाल आश्रय स्थल में जब इन लोगों के परिजन इन्हें लेने आए तब दिव्यांग मदन पांडेय के मन में भी परिजनों से मिलने की आस जगी और उन्होंने जिगर से दरभंगा में अपनों तक भिजवाने की बात कही।