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SOCIAL PRIDE NEWS: 25 साल पहले बिछुड़े मदन को मिले उसके परिजन

locationसूरतPublished: Aug 22, 2022 09:32:42 pm

Submitted by:

Dinesh Bhardwaj

-सामाजिक कार्यकर्ता जिगर रावल ने शेल्टर होम में आश्रित मदन पांडे की सोशल मीडिया पर रखी थी पोस्ट

SOCIAL PRIDE NEWS: 25 साल पहले बिछुड़े मदन को मिले उसके परिजन

SOCIAL PRIDE NEWS: 25 साल पहले बिछुड़े मदन को मिले उसके परिजन

सूरत. इंटरनेट के तकनीकी दौर में सोशल मीडिया की लगातार बढ़ती ताकत का ही परिणाम है कि थोड़ी ही देर में एक पोस्ट देखते ही देखते व्यापक रूप धारण कर जरुरतमंद तक पहुंच जाती है। सोशल मीडिया की ताकत के ही बूते 25 साल से अपने परिजनों से दूर मदन पांडे को मात्र 4-5 दिन में ही उसके बंधु-बांधव बिहार से तलाशते हुए सूरत पहुंच गए और फिर सुखद मिलन हुआ।
सम्पूर्ण घटना के मुताबिक 25 वर्ष पहले बिहार के दरभंगा से कुछ साथियों के साथ सूरत कमाने-खाने आए मदन पांडेय नामक व्यक्ति का शुरुआती दौर बहुत अच्छा रहा और वे अपनी पहली कमाई के 5 हजार रुपए पटना जाकर माता-पिता को सौंपकर भी आए लेकिन, उसके बाद मदन की बुरी कहानी शुरू हो गई और कहीं गिरने-पडऩे से उन्हें चलने-फिरने में दिक्कत हो गई। दिव्यांग अवस्था में वे काफी समय से परवत पाटिया क्षेत्र में मनपा संचालित दीनदयाल आश्रय में रह रहे थे। यहीं पर मदन का सम्पर्क सामाजिक कार्यकर्ता जिगर रावल से हुआ और सोशल मीडिया पर मामूली से प्रयास में दिव्यांग मदन पांडेय को लेने उनके भाई पवन पांडेय छत्तीसगढ़ के कोरबा से चलकर रविवार को ही सूरत आ गए।
इस संबंध में जिगर रावल ने बताया कि वो दीनदयाल आश्रय स्थल पर सडक़ किनारे अथवा यहां-वहां कई दिनों से बैठे लोगों को छोडऩे के लिए जाता रहता हूं और पिछले दिनों ही ऐसे तीन व्यक्तियों का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर उन्हें अपने परिजनों के साथ घर भिजवाया था। आश्रय स्थल में काफी समय से रह रहे दिव्यांग मदन पांडेय ने भी घर भिजवाने की बात कही और उनका वीडियो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया और सूरत में रह रहे दरभंगा निवासी प्रणव चौधरी ने दिव्यांग मदन को पहचान लिया और उनकी जानकारी परिजनों तक पहुंचा दी।

-काफी तलाश की पर नहीं मिले


दिव्यांग मदन पांडेय को सूरत लेने आए उनके भाई पवन पांडेय ने बताया कि वे अपने भाई से आखिरी बार पटना में तब मिले थे जब वे 5 हजार रुपए लेकर आए थे। उसके बाद मदन के मामले में कई तरह की बातें उन तक पहुंचती रही और वे उनकी तलाश भी करते रहे। माता-पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने तलाश बंद कर दी थी और इतने लंबे समय बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट वीडियो से उन्हें अपने भाई की सुध मिली। 25 साल बाद मिले अपने भाई को वे मंगलवार को दानापुर एक्सप्रेस से दरभंगा लेकर जाएंगे।

-यूं आया था सम्पर्क में


सामाजिक कार्यकर्ता जिगर रावल ने पिछले दिनों ही तीन जनों को अपने परिजनों तक सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर भिजवाया था। इनमें झारखंड के हरिशंकर राजपूत व उत्तरप्रदेश में बांदा के श्यामसुंदर बिहारी नामक व्यक्ति शामिल थे। दीनदयाल आश्रय स्थल में जब इन लोगों के परिजन इन्हें लेने आए तब दिव्यांग मदन पांडेय के मन में भी परिजनों से मिलने की आस जगी और उन्होंने जिगर से दरभंगा में अपनों तक भिजवाने की बात कही।

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