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SOCIAL PRIDE NEWS: पौधे रोपते और बांटता है प्रवासियों का दल

locationसूरतPublished: May 04, 2021 08:14:00 pm

Submitted by:

Dinesh Bhardwaj

कोरोना काल में पौधे व पर्यावरण का महत्व सभी ने बारीकी से समझा, गोकुल स्पोट्र्स क्लब फिर से हो गया तैयार

SOCIAL PRIDE NEWS: पौधे रोपते और बांटता है प्रवासियों का दल

SOCIAL PRIDE NEWS: पौधे रोपते और बांटता है प्रवासियों का दल

सूरत. जहां देशभर के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से कोरोना मरीज जीवन-मरण का संघर्ष कर रहे हैं, वहीं नैचुरल ऑक्सीजन पेड़-पौधों के माध्यम से बगैर भेदभाव के जन-जन को बांटने के लिए मानसून के आगमन से ठीक पहले खेल व पर्यावरण प्रेमी राजस्थानियों का एक समूह फिर से मैदान में उतर गया है। इस बार समूह ने ऑक्सीजन की भरपूर आपूर्र्ति करने वाले पेड़-पौधों को रोपने व बांटने के प्रति अधिक जिम्मेदारी मानी है।
प्रवासी राजस्थानियों के युवा खेल व पर्यावरण प्रेमियों का गोकुल स्पोट्र्स क्लब यथा नाम तथा गुण के भाव को पिछले कई सालों से सूरत महानगर में प्रकट कर रहा है। पिछले तीन-चार साल से गोकुल स्पोट्र्स क्लब के सदस्य मानसून से ठीक पहले स्वखर्चे से शहर की विभिन्न नर्ससियों से तरह-तरह के पौधे लाकर अलग-अलग क्षेत्र की सोसायटी-अपार्टमेंट, सड़क किनारे लगा रहे हैं। पिछले साल कोरोना काल के दौरान भी मई-जून-जुलाई में क्लब के सदस्यों ने शहर के परवत पाटिया, गोडादरा, डिंडोली, कुंभारिया, सारोली समेत अन्य कई क्षेत्रों में सैकड़ों पौधे रोपे। गतवर्ष कोरोना महामारी में बेहद उपयोगी साबित हुए पौधे भी गोकुल स्पोट्र्स क्लब ने सैकड़ों लोगों को बांटे। अब एक बार फिर से पर्यावरण व खेल प्रेमी गोकुल स्पोट्र्स क्लब ने मानसून से पहले पौधे लगाने व बांटने की मुहिम शुरू कर दी है, लेकिन इस बार इन्होंने पौधारोपण में नैचुरल ऑक्सीजन देने वाले पीपल, बरगद, नीम आदि के रोपण व वितरण पर अधिक जोर देने का निश्चय किया है। इस कार्य में क्लब के शिवरतन, अशोककुमार, हनुमान, गिरीश, मनोज, सिद्धार्थ, कैलाश, अखिलेश, प्रेम, मुकेश आदि शामिल है।
-क्लब की पौधारोपण गतिविधि

वर्ष पौधारोपण
2018 472
2019 578
2020 548

-आयुष मंत्रालय भी दे चुका है जोर

कोरोना महामारी से स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए जाने पर स्वास्थ्य विभाग लगातार जोर दे रहा है और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय इस दिशा में लोगों को पिछले साल ही घर-घर जाकर आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाने की मुहिम भी चलाई थी। इसके अलावा देश-दुनिया में योग क्रांति के जनक बाबा रामदेव भी पतंजलि योगपीठ से प्रतिदिन आयुर्वेदिक दवा, औषधीय पौधे व योग-प्राणायाम के बारे में लगातार बता रहे हैं।
-पीपल, बरगद, नीम का है लक्ष्य

क्लब के लक्ष्मण प्रजापति बताते हैं कि कोरोना महामारी की दूसरी भयावह लहर में ऑक्सीजन के लिए जिस तरह की परेशानी सूरत समेत देशभर में देखने को मिल रही है, उसे ध्यान में रख इस बार पीपल, बरगद व नीम के पेड़ अधिक लगाने का निश्चय किया है। हालांकि यह पेड़ बड़े होने की वजह से सोसायटी में नहीं लगा सकते, लेकिन सोसायटी के पास, सड़क किनारे इनको अवश्य लगाया जाएगा। इसके अलावा खुले स्थान का भी उपयोग किया जाएगा।
-वितरण का चालू रहेगा सिलसिला

प्रजापति, कुमावत समेत अन्य समाज व संगठनों के सहयोग से क्लब औषधीय पौधों का वितरण इस बार भी जारी रखेगा। क्लब के ब्रजमोहन खंडेलवाल के मुताबिक उकाळा, काढ़ा बनाने में गिलोय, तुलसी, मधुनाशिनी, आंवला आदि के पौधे काफी उपयोगी है और इनके लिए लोग उन्हें अभी से बोलने भी लगे हैं। घर-घर जाकर अश्वगंधा, गिलोय, एलोवीरा, आंवला, तुलसी, श्यामतुलसी, मधुनाशिनी आदि के पौधों का वितरण किया जाएगा।
– इन पौधों से मिलता है यह लाभ


गिलोय- सर्दी, जुकाम, बुखार में 4-6 इंच लम्बी गिलोय पानी में आधे घंटे तक उबालकर पीने से इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत, त्रिदोष का शमन। कोरोना महामारी से लडऩे में गिलोय, तुलसी, अदरक, कालीमिर्च, हल्दी ,दालचीनी, मुलेठी आदि का काढ़ा लाभदायक।

अश्वगंधा- इम्यून सिस्टम मजबूत करती है। रोज खाने से पहले 3-3 पत्ते एक माह तक खाने से 5-7 किलो वजन कम और चूर्ण बनाकर दूध के साथ पीने से वजन बढ़ता भी है।


तुलसी- सुबह खाली पेट 5-10 पत्ते पानी के साथ ले। तुलसी के पत्तों में प्रचुर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं। रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर सर्दी, जुकाम, बुखार से केंसर तक में लाभदायक।

एलोवीरा- संस्कृत में घृतकुमारी कहे जाने वाले इस औषधीय पौधे के कई फायदे हैं। एलोवीरा के गुदे को निकालकर टुकड़ों को सब्जी की तरह पकाकर खाने से संधिवात, वायु विकार, पेट व यकृत के विकार खत्म करता है। कटे-जले स्थान पर लगाने से फफोले नहीं होते, खून का बहाव रुक जाता है और जख्म भी जल्द ठीक होता है। एलोवीरा सौंदर्य प्रसाधन के रूप में भी बेहद उपयोगी है।
आंवला- औषधीय व देवीय पौधे के रूप में प्रचलित है। आयुर्वेद की अधिकांश औषधियों में आंवले का उपयोग। विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होने से आंख, बाल के लिए रामबाण औषधि माना गया है।