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स्लॉट बाइ स्लॉट में बिकता था सॉफ्टवेयर

locationसूरतPublished: Feb 21, 2020 10:25:59 pm

Submitted by:

Sanjeev Kumar Singh

मुम्बई रेलवे सुरक्षा बल आईजी ने मामले की जानकारी मीडिया में नहीं देने के निर्देश दिए

स्लॉट बाइ स्लॉट में बिकता था सॉफ्टवेयर

स्लॉट बाइ स्लॉट में बिकता था सॉफ्टवेयर

सूरत.

हग मैक सॉफ्टवेयर से ओपनिंग तथा तत्काल की टिकटें सबसे अधिक बुक होने की जानकारी से रेलवे महकमे में हडक़म्प मचा हुआ है। रेलवे ने इस मामले में पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है। मुम्बई रेलवे सुरक्षा बल के आईजी ने स्थानीय रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों को इस मामले की जानकारी मीडिया में नहीं देने के सख्त निर्देश दिए है।
सूत्रों ने बताया कि हग मैक सॉफ्टवेयर स्लॉट बाइ स्लॉट बेचा जाता था, जिससे यह किसी भी इ टिकट एजेंट को महंगा न पड़े। दो पीएनआर, चार पीएनआर, छह पीएनआर, आठ पीएनआर, दस पीएनआर की तर्ज पर 24 पीएनआर तक का स्लॉट हग मैक सॉफ्टवेयर पैनल पर बनाया हुआ है। १५ सौ से स्लॉट का भाव शुरू होता है जो बीस से पच्चीस हजार तक जाता है। पकड़े गए अमित ने रिमांड के दौरान पूछताछ में सॉफ्टवेयर बेचने पर एक हजार रुपए मिलने की बात कबूल की है।
अब रेलवे सुरक्षा बल ई टिकट एजेंटों की तलाश में है, जो यह सॉफ्टवेयर चलाते थे। आईआरसीटीसी टुकड़ों में 55 हजार यूजर आईडी की जांच करने में जुटी है। अमित के पास पांच हजार आईडी की जानकारी है। अभी 50 हजार यूजर आईडी में सौ करोड़ से अधिक के इ टिकटें बुक होने की आशंका जताई गई है।
मुम्बई रेलवे सुरक्षा बल के आइजी ए. के. सिंह ने अंकलेश्वर में दर्ज अमित प्रजापति केस की जांच सूरत रेलवे सुरक्षा बल निरीक्षक ईश्वर सिंह यादव को दी है। इसके अलावा मुम्बई से बुधवार को डीएससी देवांश शुक्ला भी सूरत पहुंचे और अमित तथा सुपर सेलर इरफान से पूछताछ की। आइजी के निर्देश पर रेलवे सुरक्षा बल के अलग-अलग मुख्यालयों से बेहतरीन जवानों को इस केस की जांच में लगाया गया है।
मुम्बई क्राइम ब्रांच, सूरत क्राइम ब्रांच के अलावा वडोदरा और अहमदाबाद मंडल के अधिकारियों के द्वारा भी केस पर जांच की जा रही है। पच्चीस से तीस जवानों की टीम निरंतर सूरत समेत दक्षिण गुजरात के अलग-अलग छोटे शहरों व कस्बों में इ टिकट एजेंटों के यहां कार्रवाई में जुटी है। सूत्रों ने बताया कि प्रोपराइटर अमीन कागजी को जल्दी ही गिरफ्तार करने के लिए स्पेशल टीम काम कर रही है। इरफान और अमीन कागजी के रिश्तेदार होने के कारण यह संभावना अधिक दिखाई दे रही है।

अहमदाबाद से पकड़ा गया था सेलर डेनिश सर

रेलवे ने बैंग्लूरू में एनमेस सॉफ्टवेयर पैनल से बुक होने वाले मुख्य आरोपी को पिछले दिनों गिरफ्तार किया था। इसमें भी देश भर में अलग-अलग शहरों के इ टिकट एजेंटों पर कार्रवाई हुई थी और करोड़ों रुपए के बुक इ टिकटों के रद्द करने का सिलसिला शुरू हुआ था। एनमेस सॉफ्टवेयर पहले मिर्ची नाम से भी जाना जाता था। इस मामले की जांच करते हुए अमहादाबाद में इस सॉफ्टवेयर को चलाने वाले सेलर डेनिश शाह उर्फ डेनिश सर को गिरफ्तार किया गया था।

बांग्लादेश तक जुड़े तार

पश्चिम बंगाल में सात जनों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके तार बांग्लादेश से जुड़े होने की जानकारी मिली है। दूसरे देश से मामले के तार जुड़ते देखकर अन्य एजेंसी या संगठन तो इसमें शामिल नहीं है इसकी जांच की जा रही है। गुजरात के अंकलेश्वर से पकड़ा गया अमित प्रजापति देश में अब तक का सबसे बड़ा सॉफ्टवेयर पैनल चला रहा था। देश में कितने सॉफ्टवेयर निर्माता ऐसे होंगे जो ओपनिंग व तत्काल बुकिंग के लिए सॉफ्टवेयर बनाते हैं रेलवे इसकी जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है।
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