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कुछ इस तरह फिर एक हो गए टूटे दिल

locationसूरतPublished: Feb 11, 2020 01:08:07 pm

पारिवारिक विवादों के 81 में से 78 मामलों का आपसी समझौते से निपटारा

कुछ इस तरह फिर एक हो गए टूटे दिल

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सूरत. उच्च न्यायालय के आदेशानुसार आयोजित लोकअदालत में फैमिली कोर्ट में लंबित शादी और पारिवारिक विवादों के 81 में से 78 मामलों का आपसी समझौते से निपटारा हुआ। दोनों पक्षों की वकीलों के सहयोग से दिलों की डोर फिर से बंधी और दम्पति सबकुछ भूल कर दोबारा एक साथ रहने को तैयार हो गए।

संतानों के लिए एक साल बाद एक हुए


वेसू क्षेत्र निवासी रिनल बोरसे की शादी राजेश बोरसे के साथ हुई थी। उनके दो बच्चे हैं। शादी के बाद उनके बीच मामूली विवाद होते रहते थे। इसके बावजूद दोनों दाम्पत्य जीवन की नैया आगे बढ़ा रहे थे। इस दौरान 22 दिसम्बर, 2018 को पति-पत्नी के बीच विवाद बढ़ गया और रिनल दोनों बच्चों लेकर पीहर चली आई।

कुछ दिन बाद उसने अधिवक्ता प्रीति जोशी के जरिए कोर्ट में पति के खिलाफ भरण-पोषण याचिका दायर की थी। लंबित मामले को लोकअदालत के समक्ष रखा गया और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के सहयोग से दम्पती विवादों को भूल कर बच्चों के भविष्य के लिए साथ रहने को तैयार हो गया। पत्नी ने अपनी याचिका वापस ले ली।

चार साल बाद विवाद का अंत


उधना निवासी सरिता की शादी उत्तरप्रदेश निवासी दिलीप सरोज के साथ हुई थी। शादी के बाद जब सरिता ससुराल गई तो कुछ दिनों बाद उसे खाने को लेकर प्रताडि़त किया जाने लगा। पति-पत्नी के बीच भी हमेशा विवाद होता रहता था। त्रस्त होकर सरिता वर्ष 2013 में पीहर रहने चली आई। उसने पति के खिलाफ कोर्ट में भरण पोषण के लिए याचिका दायर की थी। नोटिस मिलने के बाद पति दिलीप कोर्ट के समक्ष हाजिर हुआ। अधिवक्ता प्रीति जोशी के प्रयासों से मामला लोक अदालत में रखा गया और पति-पत्नी ने सबकुछ भूलकर दोबारा साथ रहने का निर्णय किया।

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