- चार साल पहले हुई थी धरपकड़
गुजरात के गिर सोमनाथ जिले की ऊना तहसील स्थित गराल गांव के कालू विराजी सियाल पोरबंदर से 25 जून 2018 को गंगासागर बोट में सवार होकर अन्य साथियों के साथ मछली पकडऩे गए थे। समुद्र में सीमा पार जुर्म में कालू सियाल को पाकिस्तान मरीन सिक्योरिटी ने पकड़कर जेल में डाल दिया था। उसकी गिरफ्तारी के 4 साल बाद बीती 6 जुलाई को ही उसकी बीमारी से मृत्यु हो जाने की जानकारी परिजनों को मिली है। यह जानकारी मिलने के बाद परिजनों ने कालू की पार्थिव देह को भारत लाने की मांग गुजरात सरकार से की है।
- 20 भारतीय मछुआरे बताए हैं बीमार
समुद्र में सीमा पार के जुर्म में तीन-चार सालों से कराची की जेल में सड़ रहे 650 से ज्यादा भारतीय मछुआरों में से 20 मछुआरे बीमार बताए गए हैं। पाकिस्तान में बीमारी से भारतीय मछुआरों की हो रही मौतों से इनके परिजन भी चिंताग्रस्त रहने लगे है। उन्होंने बीमार मछुआरों की पाकिस्तान से जल्द से जल्द रिहाई की मांग सरकार से की है। पिछले दिनों वहां से रिहा होकर गुजरात लौटे मछुआरे अनीस कुरेशी ने बताया कि कराची जेल में दिया जाने वाला भोजन भारतीय मछुआरों के अनुकूल नहीं होता है और उस वजह से ही वे अकसर वहां बीमार रहते है।
- परिजनों ने इन्हें लिखा है पत्र
गराल गांव के कालू सियाल की मृत्यु की सूचना पाने के बाद उनके परिजनों ने पार्थिव देह जल्द भारत लाने की मांग की है ताकि विधिविधान से उनकी अंत्येष्टि की जा सके। कालू के ब?े भाई गीगा भाई ने इस संबंध में गुजरात सरकार के कृषि और सरकारी विभाग, बंदरगाह और यातायात विभाग, मत्स्य उद्योग मंत्री, जिला कलेक्टर गिर सोमनाथ, मत्स्य विभाग विभाग वेरावल व जाफराबाद, सांसद व विधायक को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है।
- यह अब मानों रोज की कहानी
पाकिस्तान में बीमार भारतीय मछुआरों की मौत की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है मगर भारत सरकार को मानों इससे कोई फर्क ही नहीं पड़ता है। मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर दोनों देशों को जल्द ही उच्च स्तरीय वार्ता करनी चाहिए और बीमार मछुआरों के साथ-साथ जिन मछुआरों की सजा की अवधि पूरी हो चुकी है उन्हें तत्काल रिहा करवाकर भारत लाना चाहिए।
बालू भाई सोया, प्रमुख, समुद्र श्रमिक सुरक्षा संघ।