-रेलवे ट्रैफिक का होगा भार कम
वेस्टर्न व ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर के अंन्र्तगत गुड्ज ट्रेन के लिए 3800 किलोमीटर लम्बे दो ट्रेक का कॉरिडोर तैयार होने से मालवहन ज्यादा तेज, असरकारक, समय सीमा में संभव हो सकेगा। वर्तमान में मुख्य रेलवे नेटवर्क पर से 75 प्रतिशत गुड्ज ट्रेनों का संचालन घट जाने से ज्यादा यात्री ट्रेनों को संचालन किया जा सकेगा। गुड्ज ट्रेन के लिए अलग से बने डबल लाइन ट्रेक देश के मुख्य पोर्ट व औद्योगिक इलाकों के साथ जुड़ जाने से रेलवे के मालवहन की आवक में अनेक गुना इजाफा होगा।