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अनाथ हुए बच्चों को राज्य सरकार दे रही चार हजार रुपए महीना

locationसूरतPublished: Jul 11, 2021 09:34:20 pm

कोरोनाकाल में हुए 30 हजार करोड़ के काम

अनाथ हुए बच्चों को राज्य सरकार दे रही चार हजार रुपए महीना

अनाथ हुए बच्चों को राज्य सरकार दे रही चार हजार रुपए महीना

सूरत. मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कोरोनाकाल को मुश्किल वक्त करार देते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण से कई परिवारों में माता और पिता दोनों की मृत्यु से बच्चे अनाथ हो गए हैं। ऐसे बच्चों को राज्य सरकार हर महीने चार हजार रुपए की सहायता दे रही है। यह सहायता उनको 20 वर्ष का होने तक निर्बाध मिलेगी।
शहर के संजीवकुमार ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में प्रदेशभर में 30 हजार करोड़ रुपए के विकास कार्य हुए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेश ने संपूर्ण लॉकडाउन लागू किए बगैर संक्रमण पर काबू पाया है। राज्य सरकार के इस फैसले से कारोबारियों को बड़ा नुकसान नहीं उठाना पड़ा। इससे पहले मनपा आयुक्त बंछानिधि पाणि ने कार्यक्रम की रूपरेखा सामने रखी। महापौर हेमाली बोघावाला ने भाजपा शासन में शहर विकास का जिक्र करते हुए कहा कि हर मुश्किल को पार कर हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं।
राज्य सरकार में स्वास्थ्य राज्य मंत्री किशोर कानाणी ने दावा किया कि कोरोनाकाल में सूरत समेत प्रदेशभर में स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार बेहतर किया गया। कोरोना से उपजी परिस्थितियों के बाद प्रदेश में स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर और बेहतर हुआ है। राज्य सरकार ने कोरोना के दौरान आ रही मुश्किलों को समय रहते दूर किया, जिससे संक्रमण पर काबू पाना आसान रहा। प्रदेश भाजपा प्रमुख एवं नवसारी सांसद सीआर पाटिल ने सूरत मनपा के कामकाज बेहतर बताते हुए कहा कि शहर विकास के नए आयाम रच रहा है। इस अवसर पर राज्य सरकार में उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, स्थाई समिति प्रमुख परेश पटेल, उपमहापौर दिनेश जोधानी समेत सांसद व विधायक मौजूद रहे।
पानी है पारसमणि

सूरत महानगर पालिका देश की अकेली मनपा है जो ड्रेनेज वेस्ट वाटर को टर्सरी ट्रीटमेंट के बाद बड़ी आय अर्जित कर रहा है। हर साल सूरत को टर्सरी ट्रीटिड वाटर से करीब ढाई सौ करोड़ रुपए की आमदनी होती है। रविवार को भी मुख्यमंत्री ने टर्सरी ट्रीटमेंट प्लांट और अन्य ट्रीटमेंट प्लांट्स का लोकार्पण किया है। इस अवसर पर उन्होंने पानी को पारसमणि बताते हुए कहा कि जल के बेहतर प्रबंधन से तकदीर बदली जा सकती है।

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