दरअसल, विदेशी पर्यटक ों के जेहनमें अभी भी दिल्ली-आगरा-जयपुर के गोल्डन ट्रैन्गल व गुजरात में गिर, गांधी आश्रम और कच्छ का रण ही है। स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का नक्शा व खाका डेस्टिनेशन के रूप में नहीं जम पाया है। यहां तक कि देशी पर्यटकों को भी यहां तक पहंचने का रूट व यातायात सुविधाएं स्पष्ट नहीं है। इस डेस्टिनेशन तक खस्ता सड़क, ट्रेन व आवृत्तिवार बस सेवा का अभाव है।
औसत १० हजार सैलानी रोज :
करीब ३००० करोड़ के खर्च के प्रोजेक्ट के सामने रोज ८ से लगाकर १२ हजार पर्यटक आ रहे हैं और करीब सात करोड़ की मासिक आवक है। सूत्रों के अनुसार २०२० तक ७.५ करोड़ सालाना पर्यटकों का लक्ष्य है। निर्माण व देखरेख करने वाली एलएंडटी को १५ वर्षों के लिए करीब ६५७ करोड़ का ठेका दिया गया है। यहां डायनासोर व बटरफ्लाई पार्क, कैक्टस पार्क, जू-सफारी,रिसोर्ट आदि भी पूर्णता की ओर है। रीवर राफ्टिंग व हेलिकॉप्टर से नजारा दिखाया जा है। यहां टेंट सिटी व फू ड कोर्ट, ऑडियो-विडियो संग्रहालय व कई स्वचालित सीढिय़ां व फुटस्टेप्स बने हैं।
सर्वाधिक आय वाली स्टेच्यू
स्मारक आय सैलानी
स्टेच्यू ऑफ यूनिटी – ६३ करोड़ २४.४४ लाख
ताजमहल ५६ करोड़ ६४.५८ लाख
आगरे का किला ३०.५५ करोड़ २४.९८ लाख
कुतुब मीनार २३.४६ करोड़ २९.२३ लाख
फतेहपुर सीकरी १९.०४ करोड़ १२.६३ लाख
लाल किला १६.१७ करोड़ ३१.७९ लाख
स्टेच्यू ऑफ यूनिटी – ६३ करोड़ २४.४४ लाख
ताजमहल ५६ करोड़ ६४.५८ लाख
आगरे का किला ३०.५५ करोड़ २४.९८ लाख
कुतुब मीनार २३.४६ करोड़ २९.२३ लाख
फतेहपुर सीकरी १९.०४ करोड़ १२.६३ लाख
लाल किला १६.१७ करोड़ ३१.७९ लाख