न्यू सिविल अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने सिविल अस्पताल में फिर से नियुक्ति और सातवें वेतन आयोग के मुताबिक वेतन की मांग कर रहे हैं। इसी संबंध में अस्पताल प्रशासन ने बताया कि हर रेजिडेंट को तीन वर्ष का बॉन्ड होता है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में सेवा देनी होती है। सिविल में कोरोना काल में मरीजों का इलाज करने वाले चिकित्सकों को दो साल का बॉन्ड माफ किया गया है।
इसके अलावा कुछ 115 रेजिडेंट को गांव में सेवा देने के कारण विवाद हो गया है। सूरत गर्वमेंट मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर भी इसका समर्थन कर रहे हैं। रेजिडेंट की हड़ताल होने पर मरीजों के इलाज में दिक्कत हो सकती है। न्यू सिविल अस्पताल अधीक्षक डॉ. गणेश गोवेकर और डीन डॉ. ऋतंभरा मेहता ने मेडिकल विद्यार्थियों से बातचीत शुरू कर रास्ता निकालने का प्रयास कर रहे हैं।