भरुच संसदीय क्षेत्र में भीलीस्तान टाइगर पार्टी और कांग्रेस पार्टी के बीच संभावित गठबंधन की भी सुगबुगहाट चल रही है, हालांकि बीटीपी के नेता और झगडिय़ा विधायक छोटू वसावा ने कुछ समय पहले ही स्पष्ट कर दिया था, कि उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने जा रही है और प्रदेश भर में ६ लोकसभा सीटों पर अपना प्रत्याशी उतारेगी। इसके बावजूद भी संभावना बीटीपी और कांग्रेस के गठबंधन की बनी हुई है।
भरुच संसदीय क्षेत्र के लिए नामांकन की शुरुआत २८ अप्रेल से होगी, लेकिन अभी तक किसी भी दल की ओर से अपना प्रत्याशी तय नहीं किया गया है। उधर, भाजपा और कांग्रेस से चुनाव लडऩे वाले नेता जुगाड़ की सीढ़ी से टिकट की कवायद तेज कर दिए हैं। बीटीपी के प्रत्याशी क ा नाम लगभग तय माना जा रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कत भाजपा और कांग्रेस में नाम चयन को लेकर हो रही है। टिकट के लिए सबसे अधिक कशमकश भाजपा में सामने आ रही है। संभावितों द्वारा संगठन और सरकार के जिम्मेदारों के दर पर दस्तक देकर पाले को मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है।
भाजपा और कांग्रेस में टिकट को लेकर कयासबाजी ही अभी चल रही है। यहां भाजपा के पांच टर्म से सांसद रहे मनसुख वसावा को हटाने के लिए संगठन के जिम्मेदार पदों पर तैनात कुछ नेता जोर आजमाइश में लगे हैं। कमल का फूल और हाथ का पंजा किसे मिले, इसके लिए सारी गणित लगाई जा रही है। भाजपा व कांग्रेस से टिकट के इच्छुक लोग दिल्ली तथा गांधीनगर में डेरा डालकर अपनों से जुगाड़ लगा रहे हैं। भरुच की धरती पर जातीय समीकरणों के आधार पर भी टिकट के दावेदारों की मजबूती का आंकलन किया जा रहा है।