न्यू सिविल अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार मूलत: जूनागढ़ और यहां मातावाड़ी की कुंज सोसायटी निवासी जस्मीन सांगाणी (18) बचपन से हिमोफिलिया से पीडि़त है। चार अक्टूबर को बाथरूम में पैर फिसलने से उसके कूल्हे के हिस्से में फ्रैक्चर हो गया। परिजन उसे निजी अस्पताल ले गए। वहां चिकित्सकों ने ऑपरेशन के लिए तीन लाख रुपए तक का खर्च बताया। बाद में उसे न्यू सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया। चिकित्सकों ने बताया कि मरीज के हिमोफिलिया से पीडि़त होने के कारण उसे फैक्टर-8 की 28 हजार यूनिट की जरूरत पड़ेगी। चिकित्सकों ने मंगलवार को ऑपरेशन किया। अब तक फैक्टर-8 की 17 हजार यूनिट चढ़ाई जा चुकी हैं।
फिर होगा सत्ता पक्ष के धैर्य का परीक्षण
पिछली बार की तरह शुक्रवार को होने वाली सामान्य सभा खासी हंगामेदार रहने के आसार हैं। चुनाव अधिसूचना से पहले की यह अंतिम सामान्य सभा है और दोनों पक्षों की नजर के इसके राजनीतिक फायदे पर है। सामान्य सभा में जहां विपक्ष के तीखे वार होंगे, सत्ता पक्ष के धैर्य का परीक्षण भी होगा।
२६ सितंबर को हुई सामान्य सभा में विपक्ष कांगे्रस ने तरकश से जो तीर चलाए थे, सत्ता पक्ष को उन्हें झेलने में खासी मुश्किल पेश आई थी। मुद्देवार और एजेंडा के कामों पर कांग्रेस ने भाजपा को जमकर घेरा था। सामान्य सभा की कार्रवाई को जल्द समेटने के लिए विपक्ष को उकसाने की सत्ता पक्ष के पार्षदों की कोशिशें भी नाकाम रही थीं और विपक्ष ने सत्तापक्ष के लिए मुश्किलें पेश की थीं। शुक्रवार को होने वाली सामान्य सभा में भी कुछ इसी तरह का नजारा देखने को मिल सकता है।
सत्ता पक्ष ने कुछ मौके भी विपक्ष को अनायास मुहैया करा दिए हैं। सहारा दरवाजा रेलवे ओवर ब्रिज और फ्लाईओवर ब्रिज को ऊंचे टेंडर पर मंजूर कर सत्ता पक्ष ने विपक्ष को हमलावर होने का मौका दिया है। टीएससी की बैठक में इस प्रस्ताव को मुल्तवी रखते हुए भाव कम कराने की जिम्मेदारी अधिकारियों को सौंपी गई थी। अचानक कैसे और किसके दबाव में यह प्रस्ताव स्थाई के एजेंडे में शामिल हुआ, सत्ता पक्ष के कई पार्षदों के लिए भी यह यक्ष प्रश्न से कम नहीं है। जिस तरह की विपक्ष की तैयारी है, उससे लगता है कि सत्ता पक्ष के सामान्य सभा में अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़ेगा। इस मामले पर सत्ता पक्ष का धैर्य छूटा तो बढ़त विपक्ष के हाथ लगनी तय है।
विपक्ष का आरोप है कि इस मामले में शासक-प्रशासक दोनों ने फिक्स मैच खेला है। इसके अलावा मनपा की पार्किंग पॉलिसी पर भी चर्चा हंगामी हो सकती है। दोनों पक्ष इसके समर्थन और विरोध में शब्दबाण छोड़ेंगे, जिससे माहौल गरमा सकता है। जानकारों के मुताबिक चुनाव से पहले की यह अंतिम सामान्य सभा होने के कारण दोनों पक्ष भरपूर जोर-आजमाइश करेंगे। उनका एक मकसद अपने-अपने हाईकमान पर विधानसभा की टिकट के लिए दबाव बनाना भी है। दोनों ही पक्षों में कई पार्षद ऐसे हैं, जो विधायकी की दावेदारी भी कर रहे हैं। यह सामान्य सभा उन्हें एक मंच उपलब्ध करा सकती है।