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सूरत

GANESH VISHARJAN NEWS : प्रथम पूज्य की ऐसी दुर्दशा कि सिर शर्म से झुक जाए

उमरगाम में समुद्र से बाहर निकल आई पीओपी की मूर्तियांगणेश मूर्तियां जहां तहां बिखरी मिलींपर्यावरण सुरक्षा के अभियानों की लोग उड़ा रहे धज्जियां

सूरतSep 04, 2019 / 10:04 pm

Sunil Mishra

GANESH VISHARJAN NEWS : प्रथम पूज्य की ऐसी दुर्दशा कि सिर शर्म से झुक जाए

GANESH VISHARJAN NEWS : प्रथम पूज्य की ऐसी दुर्दशा कि सिर शर्म से झुक जाए

वापी. धूमधाम से गणपति स्थापना कर कई दिनों तक उनकी पूजा अर्चना के बाद उनका विसर्जन करने वाले भक्त फिर यह जानना नहीं चाहते हैं कि विसर्जित प्रतिमाएं किस हालत में हैं। बुधवार को उमरगाम में समुद्र किनारे बहकर आई गणेश भगवान की मूर्तियां जहां तहां बिखरी मिलीं। मंगलवार को डेढ़ दिन के गणपति बप्पा को विसर्जित किया गया था।
GANESH VISHARJAN NEWS : प्रथम पूज्य की ऐसी दुर्दशा कि सिर शर्म से झुक जाए
युवाओं ने मूर्तियां जमा कर खाड़ी में पुन: विसर्जन किया
बुधवार सुबह उमरगाम दरिया किनारे बड़ी संख्या मेें पीओपी की मूर्तियां बहकर आई थी। इसका पता चलने पर स्थानीय एवं सामाजिक कार्यों से जुड़े कई युवाओं ने पहुंचकर नपा के वाहन में मूर्तियां जमा करने के बाद खाड़ी में पुन: विसर्जन किया। कई लोगों ने कहा कि पर्यावरण सुरक्षा के कई अभियानों के बाद भी पीओपी की गणेश प्रतिमाओं की स्थापना करते हैं। जो पानी में जल्दी नहीं घुलती हैं जिससे हर साल इस तरह की समस्याएं आती हैं। अभी सिर्फ डेढ़ और ढाई दिन के गणेश जी का विसर्जन हुआ है। आने वाले दिनों में ऐसी समस्या फिर से देखने को मिल सकती है।
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इधर, गणेश पंडाल से पर्यावरण बचाने का संदेश
वापी. उद्योग नगरी वापी में गणपति बप्पा के दरबार में मनोहारी मूर्तियों के साथ ही सामाजिक और राष्ट्रीय सरोकारों से जुड़े संदेश भी भक्तों के आकर्षण का केन्द्र बने हैं। कहीं मंगल मिशन तो कहीं स्वच्छता का संदेश देती झांकियां सजी हैं। जीआईडीसी की गायत्री शक्ति पेपर मिल के गणेश पंडाल में इस बार प्लास्टिक भगाओ थीम पर पूरा पंडाल प्लास्टिक के सामान का उपयोग किए बिना सजाया गया है। इसके साथ ही पर्यावरण जागृति कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। बुधवार को पर्यावरण विद् सपना पराशर ने कंपनी के कर्मचारियों को घर में सूखा- गीला कचरा अलग से संग्रह करने के फायदे तथा रसोई के कचरे से कम्पोस्ट खाद बनाने की विधि समझाई। जिसको वे अपने घर में गमले और किचन गार्डन इत्यादि जगह इस्तेमाल कर पर्यावरण बचाने में सहयोग कर कमाई भी कर सकते हैं। उन्होंने सभी को पर्यावरण सुरक्षा के लिए प्रयास करने की शपथ भी दिलाई।
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