इस योजना में 11 लाख से लेकर 41 लाख तक के मकान देने की योजना थी। सैकड़ों लोगों ने इसमें मकान बुक करवाया। सरकारी नीति के तहत मकान बुक कराने वालों ने 80 से 90 प्रतिशत रुपए जमा कर दिए लेकिन उसके बाद भी मकान नहीं सौंपे गए। जबकि मकान 2016 में ही देने की घोषणा की गई थी। कुछ दिन से अधिकारियों द्वारा मकान बुक कराने वालों को बकाया रकम जल्द से जल्द भरने, नहीं को बुकिंग रद्द कर जमा की गई राशि 50 प्रतिशत काटने की धमकी दी जा रही थी।
कैलाश रोड निवासी पंक ज पटेल ने भी घर बुक करवाया था। उस पर भी बाकी रकम भरने का दबाव डाला जा रहा था। इन दिनों उसके पास रुपए नहीं थे। ऊपर से जमा रकम से 50 प्रतिशत काटने की धमकी से वह चिंतित रहने लगा था। अपने कार्यालय में ही उसने आत्महत्या कर ली। उसके परिवार के लोगों ने यह आरोप लगाया है।
हाउसिंग बोर्ड में मकान बुक करवाने वाले रमेश भाई ने भी आरोप लगाया कि घर का कब्जा दिए बिना ही बकाया रुपए मांगे जा रहे हैं। लोगों ने लोन लेकर रुपए भरे हैं जिसका ब्याज भर रहे हैं, लेकिन मकान नहीं मिला। दूसरी तरफ अधिकारियों की ओर से सफाई दी गई है कि घर बनकर तैयार हैं, लेकिन ड्रेनेज लाइन की समस्या हैं। पानी भी नहीं पहुंच रहा है जिससे यह दिक्कत सामने आई है।