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इ टिकट सॉफ्टवेयर बेचने वाला सुपर सेलर गिरफ्तार

locationसूरतPublished: Feb 21, 2020 10:24:47 pm

Submitted by:

Sanjeev Kumar Singh

सॉफ्टवेयर से आईआरसीटीसी के आइडी को हैक करके इ टिकट बनाने का मामला
55 हजार यूजर आइडी की जांच में सामने आ सकते हैं 100 करोड़ से अधिक के इ टिकट

इ टिकट सॉफ्टवेयर बेचने वाला सुपर सेलर गिरफ्तार

इ टिकट सॉफ्टवेयर बेचने वाला सुपर सेलर गिरफ्तार

सूरत.

पश्चिम रेलवे ने इ टिकट दलालों को ओपनिंग तथा तत्काल टिकट बनाने में सहायक हग मैक सॉफ्टवेयर बेचने वाले एक शातिर को बीती 17 फरवरी को अंकलेश्वर से गिरफ्तार करने के बाद बुधवार को उसके एक और साथी को सूरत बस स्टैंड से गिरफ्तार किया है। मुम्बई रेलवे सुरक्षा बल के डिवीजनल सिक्योरिटी कमांडेंट (डीएससी) बुधवार को सूरत आए और आरोपी से पूछताछ की। पकड़ा गया आरोपी सॉफ्टवेयर बेचने वाले सिस्टम में सुपर सेलर के नाम से जाना जाता है।
नई दिल्ली रेलवे सुरक्षा बल मुख्यालय से सूरत रेलवे सुरक्षा बल के अपराध शाखा निरीक्षक पुष्पेन्द्र सिंह को १५ फरवरी को कुछ आईपी एड्रेस जांच के लिए भेजे गए थे। इसमें कुछ आईपी एड्रेस फर्जी निकले। वहीं एक संदिग्ध आईपी एड्रेस की जांच करते हुए रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी कोसंबा उस पते पर पहुंचे जहां से मुख्य आरोपी अमित प्रजापति (32) को गिरफ्तार किया गया। अपराध शाखा टीम ने अमित के खिलाफ अंकलेश्वर रेलवे सुरक्षा बल थाने में मामला दर्ज करवाया। इसके बाद उसे कोर्ट में पेश करके रिमांड की मांग की गई। कोर्ट ने अमित को सात दिन के रिमांड पर रेलवे सुरक्षा बल को सौंपा है।

मुम्बई रेलवे सुरक्षा बल के आईजी ए. के. सिंह ने बड़ा मामला होने के कारण पूरे मामले की जांच सूरत रेलवे सुरक्षा बल निरीक्षक ईश्वर सिंह यादव को करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद अपराध शाखा की टीम तथा ईश्वर ने घटना की जांच करते हुए दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सूत्रों ने बताया कि अमित के मोबाइल में हग मैक नामक सॉफ्टवेयर का कंट्रोल पैनल मिला। आईटी विभाग ने जांच में पाया कि एजेंट सूरत में स्थित जीटीपीएल की ब्रॉडबैंड सेवाओं का उपयोग करता था। रेलवे सुरक्षा बल ने इस मामले में इ टिकट सॉफ्टवेयर बेचने वाले सुपर सेलर को गिरफ्तार कर लिया है। इसे देश में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है।

हाल में पांच हजार 848 आइडी की डिटेल निकाली गई है। इसमें करीब 7.97 करोड़ रुपए के इ-टिकट की जानकारी मिली है। इनमें 2.59 करोड़ रुपए के लाइव टिकट हैं, जबकि पांच करोड़ रुपए के टिकटों पर यात्रा पूरी हो चुकी है। यह व्यक्ति आइआरसीटीसी के पोर्टल पर कई निजी आईडी बनाकर इन टिकटों को बुक करता था। हग मैक की मदद से इ टिकट एजेंट आईआरसीटीसी आईडी को हैक करके कुछ सेकंड में कई टिकटें और तत्काल टिकटें बुक कर लेते थे। इसके बाद यह टिकट जरुरतमंद ग्राहकों को ज्यादा पैसे लेकर बेचे जाते थे। अधिकारियों ने बताया कि 55 हजार से अधिक यूजर आईडी की जांच की जा रही है। अभी कुछ आइडी की जांच में ही करोड़ों रुपए के इ टिकट बुक करने की जानकारी मिली है। सभी यूजर आईडी की जांच पूरी होने पर यह आंकड़ा सौ करोड़ को पार कर सकता है।

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