पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने बताया कि पश्चिम रेलवे के जोनल कार्यालय और मंडलों में नए ट्रैफिक को आकर्षित करने के लिए गठित बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट्स (बीडीयू) ने माल ढुलाई को बढ़ावा देने में मुख्य भूमिका निभाई है। बीडीयू के प्रयासों के कारण पश्चिम रेलवे के माल यातायात ने अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को पार कर लिया है। प्याज, रासायनिक रंग, वस्त्र आदि को गुजरात से बांग्लादेश भेजा गया है।
बीडीयू ने गैल्वेनाइज्ड बक्से, बांस की लुगदी आदि जैसे नए यातायात का पता लगाया है। 23 मार्च, 2020 से 22 मार्च, 2021 तक पश्चिम रेलवे द्वारा 1008 पार्सल विशेष ट्रेनों के माध्यम से लगभग 2.98 लाख टन सामग्रियों का परिवहन किया गया है। इसके अंतर्गत मुख्य रूप से कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से राजस्व लगभग 106.63 करोड़ रुपए रहा है। इस अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा 183 मिल्क विशेष ट्रेनें चलाई गई। इसी प्रकार, 80 हजार टन से अधिक भार वाली 620 कोविड-19 पार्सल विशेष ट्रेनें भी अतिआवश्यक वस्तुओं के लिए चलाई गई। इसके अलावा 123 इंडेंटेड रेक और 82 किसान स्पेशल ट्रेनें अब तक चलाई गई हैं।
लॉकडाउन की अवधि के दौरान 22 मार्च, 2020 से 22 मार्च, 2021 तक पश्चिम रेलवे द्वारा 77.85 मिलियन टन वस्तुओं की आपूर्ति के लिए माल गाडिय़ों के कुल 35,171 रेकों का उपयोग किया गया है। अन्य जोनल रेलों के साथ 72,823 मालगाडय़िों को इंटरचेंज किया गया। जिनमें 36,469 ट्रेनों को हैंडओवर किया गया और 36,359 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंटों पर टेकओवर किया गया।