अब चार गुना मिलेगा मुआवजा
जमीन अधिग्रहण मामला- किसानों के पक्ष में आया सर्वोच्च अदालत का फैसला

भरुच. भरुच जिले से होकर गुजरने वाले डेडिकेटेड प्राइस कॉरीडोर में किए गए जमीन अधिग्रहण में मुआवजा के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के पक्ष में फैसला दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को प्रभावितो ंको चार गुना मुआवजा देने का आदेश दिया है। किसानों ने कहा कि जंत्री की विसंगतता को दूर करके शेष रकम का भुगतान सरकार को करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को भरुच जिले से होकर जाने वाले एक्सप्रेस वे के असरग्रस्त 12 से 15 गांवों के किसानों को दो गुना के स्थान पर चार गुना मुआवजा ब्याज के साथ देने का आदेश दिया है। किसानों ने इस फैसले का स्वागत किया है। असरग्रस्त इलाके के किसानों के अनुसार अभी कई मांगे बाकी हैं और कई मसले कोर्ट में लंबित चल रहे हैं। किसानों ने प्रोजेक्ट में समीप के गांवों में दी गई जंत्री की विसंगतता को दूर करने की मांग की है। प्रदेश सरकार के खिलाफ असंतोष व्यक्त करते हुए किसानों ने कहा कि सरकार भरुच जिले के किसानों के साथ ही भेदभाव कर रही है। सरकार को किसान हित को प्राथमिकता देनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि भरुच जिले के 33 गांव के किसानों को शहरी इलाके के अनुसार दो गुना राशि का भुगतान किया गया था। किसानों ने इसके बाद गुजरात हाईकोर्ट में अपील की थी। यहां किसानों के पक्ष में फैसला आने के बाद प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय भी किसानों के पक्ष में आया है।
मुआवजे की राशि में बड़ा फर्क
एक्सप्रेस वे के लिए दिए गए मुआवजे की राशि में भी बड़ा फर्क है। किसान नेता रणजीत डाभी ने कहा कि एक्सपे्रस वे प्रोजेक्ट के तहत नवसारी जिले के किसानों को प्रति बीघा 96 लाख रुपये के हिसाब से भुगतान किया गया था। भरुच के किसानों को दो से तीन लाख रुपया बीघा ही मुआवजा दिया गया।
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