इस एक सर्टिफिकेट ने अटका दिया एयरपोर्ट का 201 करोड़ रुपए का अनुदान ! जानिए क्या है मामला
सूरत. लंबे समय से चल रहे प्रयासों के बाद आखिरकार सूरत एयरपोर्ट को एन्वायरमेंट क्लीयरेंस सर्टिफिकेट मिल गया है। अब एयरपोर्ट के विकास कार्यों में तेजी आएगी। इस सर्टिफिकेट के बिना 201 करोड़ रुपए का अनुदान अटक गया था।
सूरत एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या बढऩे पर टर्मिनल बिल्डिंग के एक्सटेंशन की मांग की जा रही थी। कस्टम एयरपोर्ट की मान्यता मिलने पर टर्मिनल बिल्डिंग के एक्सटेंशन की अनुमति मिल गई। सांसद सी.आर. पाटिल के प्रयासों से एयरपोर्ट के विकास के लिए 360 करोड़ रुपए का अनुदान मिला, लेकिन विकास कार्यों में एन्वायरमेंट क्लीयरेंस सर्टिफिकेट बाधा बन गया।
इसके बिना विकास कार्य धीमी गति से चल रहे थे। एन्वायरमेंट क्लीयरेंस सर्टिफिकेट के बिना 201 करोड़ रुपए का अनुदान भी अटक गया था। सांसद सी.आर. पाटिल इस सिलसिले में पर्यावरण वन मंत्री प्रकाश जावडेकर से मिले और एन्वायरमेंट क्लीयरेंस सर्टिफिकेट प्रदान करने की गुजारिश की। लंबे इंतजार के बाद सूरत एयरपोर्ट को यह सर्टिफिकेट मिल गया है।
गौरतलब है कि सूरत एयरपोर्ट को जून 2018 में कस्टम नोटिफाइड किया गया था। यहां से दिल्ली, मुंबई, गोवा, चेन्नई, हैदराबाद, बैंगलूरु, उदयपुर, जैसलमेर, कोलकाता, वाराणसी, भोपाल और जयपुर के अलावा शारजाह की इंटरनेशनल फ्लाइट है। 2012 से 2016 तक यहां सिर्फ दिल्ली और मुंबई की फ्लाइट थी। तब यात्रियों की संख्या कम थी, लेकिन अब यहां यात्रियों की सालाना संख्या 10.50 लाख से ज्यादा हो गई है।