scriptसूरत ने किया आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार | Surat fulfills the dream of atma nirbhar bharat mission | Patrika News

सूरत ने किया आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार

locationसूरतPublished: Jan 09, 2021 08:45:23 pm

सीटेक्स एग्जीबिशन में दिखा स्वदेशी मशीनों का जलवा, उद्घाटन के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने बताया बड़ी उपलब्धि

सूरत ने किया आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार

सूरत ने किया आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार

सूरत. केंद्रीय टैक्सटाइल और महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्मृति इरानी ने सीटेक्स एग्जीबिशन में स्वदेशी मशीनों की मौजूदगी को बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि सूरत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की तरफ कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान जब पूरी दुनिया में अफरा-तफरी थी, टैक्सटाइल उद्योग नया इतिहास रच रहा था। लॉकडाउन से पहले जहां देश में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी, आज स्थिति यह है कि पीपीई किट निर्माताओं की सूची में भारत विश्व में दूसरे नंबर पर है।
दक्षिण गुजरात चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की ओर से आयोजित सूरत इंटरनेशनल टैक्सटाइल एक्सपो (सीटेक्स) के उद्घाटन के लिए केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी शनिवार को सूरत आई थीं। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सूरत प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा कर रहा है। सीटेक्स में स्वदेशी मशीनों को देखकर गर्व का अनुभव हुआ है। उन्होंने कहा कि जिन आयातित मशीनों को 50 लाख से अधिक कीमत पर मंगाया जा रहा था, भारतीय कौशल उन्हें 25 लाख रुपए में ही तैयार कर ले रहा है। एन-95 मास्क बनाने की जो मशीनें 25 लाख रुपए में बाहर से आती हैं, हम महज साढ़े तीन लाख रुपए में इन मशीनों को तैयार करने में दक्ष हो गए है।
उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल ने जहां मुश्किलों में उलझाए रखा, हमें खुद को साबित करने का अवसर भी दिया। मुझे बताया गया कि इन स्वदेशी मशीनों का निर्माण लॉकडाउन के दो महीनों में ही किया गया है। पीपीई सूट और किट बनाने के लिए लॉकडाउन से पहले देश में एक भी इकाई नहीं थी। एन-95 मास्क बनाने की दो ही यूनिट देश में थीं। लॉकडाउन के दौरान टैक्सटाइल उद्यमियों ने टैक्निकल टैक्सटाइल के माध्यम से बड़ा बदलाव किया। फिलवक्त पीपीइ सूट और किट निर्माण की 11 सौ यूनिट्स के साथ हम दुनिया में पीपीइ किट बनाने वाले देशों में दूसरे नंबर पर हैं। यह बड़ी उपलब्धि है जो उद्यमियों के हौसले से हासिल हुई है।
एन-95 मास्क बनाने की ढाई सौ से अधिक यूनिट्स देश में हैं। कोरोना महामारी के दौरान हिंदुस्तान अकेला देश जहां लॉकडाउन के दौरान टैक्सटाइल इंडस्ट्री ने इतिहास रचा। यह बताता है कि हमने चुनौतियों को अवसर के रूप में लिया और दुनिया को अपनी ताकत का अहसास कराया। इस अवसर पर महिला एवं बाल कल्याण विभाग की राज्यमंत्री देबाश्री चौधरी, टैक्सटाइल कमिश्नर रूपश्री, चैम्बर प्रमुख दिनेश नावडिया, उप प्रमुख आशीष गुजराती, फियास्वी प्रमुख भरत गांधी समेत कई अन्य गणमान्य मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन दीपक शेठवाला और निखिल मदरासी ने किया।
टैक्नोलॉजी ट्रांसफर ने किया संभव

कारीगर चंद्रकांत पाटिल का जिक्र करते हुए कहा कि इरानी ने मशीन को रिप्रोसेस कर आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती दी। उन्होंने लॉकडाउन का इस्तेमाल रिसर्च एंड डवलपमेंट के लिए किया और नतीजा सामने है। टैक्नोलाजी ट्रांस्फर ने इसे आसान कर दिया। उन्होंने कहा कि सीटेक्स में मेक इंडिया सेक्शन हमें हमारी क्षमताओं पर गर्व करने का अवसर देता है।
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