इसके लिए मेडिकल कॉलेज में ब्रेनडेड सर्टिफिकेशन कमेटी बनाई गई है। जिसमें 21 चिकित्सकों को जिम्मेदारी दी गई है। इसमें डॉ. परेश झांझमेरा (न्यूरो मेडिसिन, प्रोफेसर), डॉ. हरेश पारेख, डॉ. जय पटेल, डॉ. मेहुल मोदी, डॉ. मिलन सेंजलिया, डॉ. नीता कविश्वर, डॉ. बंसरी कंथारिया, डॉ. हर्षा पटेल, डॉ. सुनैना पटेल, डॉ. नीलम परमार, डॉ. नीधी पटेल, डॉ. जिगनाशा पटेल, डॉ. श्वेता पटेल, डॉ. के. एन. भट्ट, डॉ. महेश जी. शोलु, डॉ. अश्विन वसावा, डॉ. अमित गामित, डॉ. संगीता त्रिवेदी, डॉ. जिगीशा पाटडिया, डॉ. योगेश पारिक और डॉ. किर्ती मेहता शामिल हैं। इसके अलावा 15 चिकित्सकों की ऑर्गन डोनेशन मॉनिटरिंग कमेटी बनाई गई है। गौरतलब है कि 2018-19 तक सूरत गर्वमेंट मेडिकल कॉलेज में ऑर्गन हार्वेस्टिंग की कार्रवाई की जाती थी, लेकिन बाद में नए दिशा-निर्देश जारी होने के बाद यह व्यवस्था बंद कर दी गई थी। लेकिन अब फिर से गर्वमेंट मेडिकल कॉलेज को मंजूरी मिल गई है। अब गुजरात में कुल 57 अस्पताल हैं, जहां ऑर्गन हार्वेस्टिंग की मंजूरी है।
मंजूरी के बाद नहीं हो सका पहला ऑर्गन डोनेशन न्यू सिविल अस्पताल में बुधवार को मांडवी तहसील निवासी 51 वर्षीय व्यक्ति को इलाज के लिए भर्ती किया गया था। चिकित्सकों ने जांच के दौरान मरीज को ब्रेनडेड घोषित किया। परिवार ने अंगदान का निर्णय किया। अहमदाबाद इंस्टिच्यूट ऑफ किडनी डिजिज एंड रिसर्च सेंटर (आइकेडीआरसी) के डॉ. श्रेयश और उनकी टीम सूरत आई और अंगदान की कार्रवाई शुरू की गई, लेकिन ऑपरेशन के दौरान मरीज के पेट से गांठ निकली। जिसके बाद अंगदान कार्रवाई को बीच में ही रोक दिया गया। चिकित्सकों ने कैंसर की गांठ होने की आशंका जताई है।