इन व्यवस्थाओं को समझना जरूरी
निजी अस्पतालों को कोविड अस्पताल बनने के लिए मनपा की एसओपी और विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी कोविड चेकलिस्ट पर अमल करना होगा। इसके साथ ही नर्सिंग प्रोटोकॉल, इंफेक्शन कंट्रोल प्रोटोकॉल, बायो मेडिकल वेस्ट और कोरोना संक्रमित की मृत देह का प्रबंधन, सीपीआर प्रोटोकॉल, आइसीएमआर गाइडलाइन के तहत पीपीइ किट को पहनने और उतारकर उसके डिस्पोजल, क्वारन्टाइन पॉलिसी समेत कई व्यवस्थाओं को समझना होगा। इसके साथ ही कोविड मरीजों के उपचार पर होने वाले खर्च का प्रबंधन भी चुनौती से कम नहीं है। इसके साथ ही कोविड मरीजों के उपचार के तरीकों को समझना होगा और स्टाफ के लिए ट्रेनिंग सेशन रखने होंगे। साथ ही स्टाफ के रोटेशन का सिस्टम भी तैयार करना होगा।निजी अस्पताल तैयार
शहर के निजी अस्पताल भी कोरोना से निपटने के लिए तैयार हैं। हमने निजी अस्पतालों के लिए वेबिनार का भी आयोजन किया था, जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों ने निजी अस्पतालों के प्रबंधन को इसकी बारीकियां समझाई।
डॉ. पारुल वडगामा, प्रमुख, आइएमए सूरत चैप्टर