दो सीजन में चलता है कारोबार
पूरे देश में ज्यादातर राज्यों में स्कूलें जून-जुलाई में खुल जाती है और अधिकांश कपड़ा मंडियों में यूनिफार्म के कपड़े की खरीदारी भी अप्रेल-मई-जून में कर ली जाती है। केवल देश के पुर्वोत्तर राज्यों में ही स्कूलों का सत्र पहले शुरू होने से वहां की कपड़ा मंडियों में ग्राहकी दिसम्बर से जनवरी के बीच रहती है। इस तरह से यह दोनों सीजन में सूरत कपड़ा मंडी में खूब यूनिफार्म कपड़ा बिकता है। दोनों सीजन के लिए सूरत कपड़ा मंडी में यूनिफार्म के सौ से सवा सौ कपड़ा कारोबारी 25 से 30 करोड़ मीटर कपड़ा तैयार कर तीन सौ करोड़ का सालाना कारोबार करते हैं।
कई क्वालिटी में होता है तैयार
यूनिफार्म कपड़े के कारोबारी गौतम गुलेचा ने बताया कि यूनिफार्म के लिए 90 फीसदी ग्रे भिवंडी से आता है और यहां रेमंड कॉटन, स्विस कॉटन, स्पन, छप्पन छह, डल माइक्रो, रेमंड चिराग, व्हाइट हाउस आदि ग्रे क्वालिटी पर प्लेन यूनिफार्म कपड़ा तैयार होता है। चेक यूनिफार्म मुंबई-सूरत में 50-50 फीसदी तैयार होता है और देशभर की मंडियों में जाता है। स्कूल यूनिफार्म की दोनों सीजन की शुरुआत में इस कारोबार में 10 फीसदी की तेजी भी रहती है, लेकिन कोरोना काल के दौरान इस बार तेजी तो बहुत दूर की बात है दुकान-गोदाम में जमा स्टॉक भी क्लीयर नहीं हो पाया है।
आ जाए 70-80 फीसदी पिकअप
दीपावली तक भी स्कूलें खुलने के आदेश सरकार की तरफ से हो जाए तो यूनिफार्म कारोबार महज 10-15 दिन में ही 70-80 फीसदी पिकअप पकड़ सकता है। इसकी वजह में यूनिफार्म कपड़ा कारोबारी दिनेश अग्रवाल बताते हैं कि स्कूल ड्रेस में जल्दी से बदलाव नहीं आता और पुराने ऑर्डर के आधार पर सभी कारोबारियों के पास यूनिफार्म कपड़े की तैयारियां पूरी है। ऐसी स्थिति में बस स्कूलें खुलने की घोषणा होने भर की देर है बाहरी मंडियों के व्यापारियों के ऑर्डर आने शुरू हो जाएंगे और स्थानीय स्तर पर तैयारियां पहले से ही पूरी है तो यूनिफार्म कारोबार का रुका हुआ पहिया फिर से चल पड़े।
राजस्थान सरकार के निर्णय से भी मुश्किल
स्कूलें खुलने के फिलहाल कोई आसार नहीं है और राजस्थान सरकार ने स्कूल यूनिफार्म बदलने का जो हाल ही में निर्णय किया है उससे व्यापारियों की मुश्किलें और बढ़ गई है। कपड़ा व्यापारी मनोज गुलाबवानी ने बताया कि सूरत कपड़ा मंडी से राजस्थान की मंडियों में 5-7 लाख मीटर कपड़ा जा चुका है और 15 से 20 लाख मीटर का स्टॉक यहां जमा है। राजस्थान सरकार के यूनिफार्म ड्रेस में बदलाव के निर्णय के बाद अब इस कपड़े का क्या होगा? सूरत-बालोतरा मंडी के बाद मंगलवार को ही भीलवाड़ा टैक्सटाइल ट्रेड फैडरेशन ने भी सरकार को पत्र लिख स्कूल यूनिफार्म नहीं बदलने की मांग की है।