-शुरुआत में मात्र 8-10 ट्रक रवाना कोरोना की दूसरी भयावह लहर के बीच गत वर्ष के समान इस बार भी लॉकडाउन लगा, लेकिन इस बार प्रशासनिक कड़ाई पिछले जैसी नहीं थी। 23 दिन बाद लॉकडाउन 21 मई को खुला और पहले ही दिन मात्र 8-10 मालवाहक ट्रक सूरत कपड़ा मंडी से रवाना हुए। लॉकडाउन खुलने के दो-ढाई माह बाद तक भी मालवाहक वाहनों की सूरत कपड़ा मंडी से रवानगी की संख्या में कोई विशेष इजाफा नहीं हुआ और अगस्त तक यह संख्या 35-40 तक ही पहुंच पाई। इसके बाद सितम्बर से इस संख्या में लगातार इजाफा होता रहा जो कि अक्टूबर के पहले सप्ताह में ही दस गुना बढ़कर 400 तक पहुंच गया।
-दीपावली पर रहता है ऐसा ही माहौल सूरत कपड़ा मंडी के कपड़ा व्यापारी व ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों की मानें तो प्रत्येक वर्ष दीपावली पर ऐसा ही व्यापारिक माहौल रहता है और कपड़ा बाजार के मार्केट परिसरों में तैयार माल के पार्सलों के ढेर, बाजार में वाहनों से माल ढुलाई, ट्रांसपोर्ट गोदाम व कंपनी परिसर में भी पार्सलों के अम्बार के साथ-साथ इन दिनों में मालवाहक वाहनों की संख्या भी सारोली समेत अन्य ट्रांसपोर्ट व्यवसाय के क्षेत्र में अच्छी-खासी दिखाई देती है। व्यापारिक तेजी के इस माहौल में अगले दिनों में ट्रांसपोर्ट बुकिंग भी प्रभावित हो सकती है, क्योंकि मालवाहक वाहनों की वापसी कम और अधिक अवधि में हो जाएगी तब यह दिक्कत पैदा होने की आशंका बढ़ जाएगी।
-रोजाना 75 से 80 हजार पार्सल की ढुलाई ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों के मुताबिक दीपावली सीजन में इन दिनों सूरत कपड़ा मंडी से रोजाना 400 करीब मालवाहक वाहन देश की अन्यत्र कपड़ा मंडियों के लिए रवाना हो रहे हैं। इन ट्रकों में 16 पहिया व आयशर ट्रक शामिल है और इनमें औसत 180 से 200 तैयार माल के पार्सल भरे जाते हैं। इस तरह से सूरत कपड़ा मंडी से दीपावली सीजन के दिनों में रोजाना 75 से 80 हजार तैयार माल के पार्सल रवाना हो रह हैं। जानकार कपड़ा व्यापारियों के मुताबिक यह सिलसिला दीपावली के दो-तीन दिन पहले तक लगातार रहेगा और ऐसी स्थिति में महज इस एक माह की अवधि में ही 20 से 25 लाख तैयार माल के पार्सल सूरत कपड़ा मंडी से देश की अन्य कपड़ा मंडियों तक पहुंच पाएंगे।
-अभी व्यापार ठीक है दीपावली सीजन है और कपड़ा व्यापार ठीक है। पिछले समय में बड़ी ही प्रतिकूल स्थिति का सामना ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को सूरत कपड़ा मंडी में करना पड़ा था। उम्मीद है आगे इसमें और सुधार आएगा।
युवराज देसले, प्रमुख, सूरत टैक्सटाइल गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन