-सोशल मीडिया पर इस्तीफों का दौर 21 सदस्यीय सूरत आढ़तिया कपड़ा एसोसिएशन के अंतिम चुनाव 2012-13 में सम्पन्न हुए थे और तीन वर्षीय कार्यकाल के नियमानुसार एक/तिहाई सदस्य अर्थात 7 सदस्य प्रतिवर्ष निवृत्त होते हैं, जिनका नया चुनाव करवाया जाता है। एसोसिएशन में इस तरह की संवेधानिक प्रक्रिया पूरी नहीं किए जाने से क्षुब्ध कार्यकारिणी सदस्यों के इस्तीफों का दौर भी लगातार जारी है। पहले चार सदस्यों के बाद तीन नए सदस्यों ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से इस्तीफे सौंपे बताए हैं।
-बहुत ही शर्मिंदगी होती है उधर, सूरत कपड़ा मंडी के एक अन्य व्यापारिक संगठन फैडरेशन ऑफ सूरत टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन में भी कब्जा नीति की कुछ ऐसी ही कहानी है। वहां भी सात साल से चुनाव प्रक्रिया लंबित है और कुर्सी पर जमे-बैठे मनोनीत पदाधिकारियों की नीयत-नीति से कई सदस्य स्वयं को शर्मसार भी महसूस करते हैं। सोमवार को ही एक सदस्य ने बताया कि सार्वजनिक स्थल व कार्यक्रम में जाते हैं तो व्यापारियों व अन्य लोगों से बहुत-कुछ सुनने को मिलता है, इससे बड़ी शर्मिंदगी उस वक्त जबरन झेलनी पड़ती है।
-कुछ सदस्यों ने भरा था दम, कुछ हो गए शांत फैडरेशन ऑफ सूरत टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन की सात साल से लंबित चुनाव प्रक्रिया के मामले में पिछले दिनों जोनवार बैठक मामले में 10 और 12 वर्ष पहले चुने हुए ज्यादातर सदस्यों ने तो संस्था की संवैधानिक प्रक्रिया के संबंध में मानों स्वयं की जिम्मेदारी से हाथ खड़े कर लिए थे तो कुछ ने दम भरा था कि फोस्टा के चुनाव करवाकर रहेंगे। इस तरह की दम भरने वाली उस बात को बीते पूरे 20 दिन हो गए हैं और कहीं से फोस्टा चुनाव संबंधी सुगबुगाहट नहीं है।